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टैरिफ पर ट्रंप का बड़ा ऐलान; 75 देशों में 90 दिन की रोक, पर चीन भुगतेगा परिणाम

डोनाल्ट ट्रंप ने टैरिफ पर लिया फैसला पलट दिया है। उन्होंने 75 देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगा दी है, लेकिन चीन को टैरिफ का नुकसान उठाना पड़ेगा। जी हां, चीन पर टैरिफ की छूट लागू नहीं होगी, आइए जानते हैं क्यों?

Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Apr 10, 2025 06:19
Donald Trump

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ वाले फैसले से यूटर्न ले लिया है। उन्होंने बीते दिन बुधवार को 75 से ज्यादा देशों पर लगाए गए टैरिफ पर रोक लगा दी। रेसिप्रोकल टैरिफ पर लगाई गई रोक 90 दिन तक लागू रहेगा, लेकिन यह रोक चीन के लिए नहीं है, बल्कि चीन को अब और ज्यादा टैरिफ देना होगा।

चीन पर पहले 104 प्रतिशत टैरिफ था, बीते दिन 75 देशों पर रोक लगाने के साथ ही ट्रंप ने चीन पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया। यह कार्रवाई चीन के एक्शन के चलते की गई। क्योंकि चीन ने अमेरिका पर 84 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया था, इसलिए ट्रंप ने भी चीन पर टैरिफ बढ़ा दिया और बाकी देशों को छूट दे दी, लेकिन ट्रंप ने 7 दिन के अंदर ही टैरिफ लगाने का फैसला क्यों पलट दिया, आइए जानते हैं…

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ट्रंप ने इस वजह से पलट टैरिफ पर फैसला

बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ लगाने से शेयर मार्केट का बुरा हाल हो गया था। कई देशों ने अमेरिका पर जवाबी टैरिफ लगाया और उससे अमेरिका की शेयर मार्केट भी गिरी, लेकिन ट्रंप के टैरिफ से कई देशों में शेयर मार्केट बुरी तरह गिरी और महंगाई भी बढ़ गई। इसलिए देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने ट्रंप से टैरिफ पर बात करके कुछ समझौते किए। इसलिए ट्रंप ने 7 दिन के अंदर टैरिफ वापस लेने के पीछे की वजह देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हुई नई बातचीत को बताया।

ट्रंप ने फैसला बदलते हुए यह भी कहा कि सभी 75 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से बातचीत हुई है और उन्होंने अमेरिका की पॉलिसी के खिलाफ कोई जवाबी कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया, इसलिए उन पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिन की रोक लगा दी। इस रोक ने उन देशों के साथ नए व्यापार समझौते करने का समय और मौका मिल जाएगा। अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ जो देश डील करेंगे, उनके लिए टैरिफ मात्र 10 प्रतिशत रहेगा।

टैरिफ पर रोक लगाने की वजह ये भी

1. टैरिफ के कारण मंदी आने और महंगाई बढ़ने का खतरा था। टैरिफ के कारण ट्रंप के करीबी भी उनके खिलाफ हो गए हैं। टैरिफ के कारण बेशक अमेरिका की शेयर मार्केट की वैल्यू 3.1 लाख करोड़ डॉलर बढ़ गई थी, लेकिन इंटरनेशनल मार्केट 10 लाख करोड़ डॉलर गिर गई थी। इससे अमेरिका को भी नुकसान उठाना पड़ सकता था।

2. एलन मस्क ने भी ट्रंप को टैरिफ पर रोक लगाने की सलाह दी थी। ट्रंप की खुद की पार्टी टैरिफ के खिलाफ थी और टैरिफ को असंवैधानिक, खतरनाक और नुकसानदायक बताया था।

3. ट्रंप के टैरिफ के कारण क्रूड ऑयल के दामों में भारी गिरावट आ गई थी। कोरोना काल जैसे हालात बनने लगे थे। अमेरिका के बॉन्ड बिकने लगे थे, इसलिए ट्रंप को टैरिफ से पीछे हटना पड़ा।

4. अमेरिका में महंगाई और बेरोजगारी बढ़ने लगी थी। मंदी आने की चेतावनी भी देश के बड़े बैंक देने लगे थे, इसलिए ट्रंप को टैरिफ का फैसला वापस लेना पड़ा।

5. टैरिफ के कारण चीन से प्रोडक्ट्स मंगवाना महंगा होने लगा था। इसलिए अमेरिका की कंपनियों को विकल्प तलाशने पड़ रहे थे, लेकिन विकल्प मिल नहीं रहे थे, क्योंकि सभी देशों पर टैरिफ लगा था, इस वजह से भी ट्रंप को टैरिफ पर रोक लगानी पड़ी।

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Edited By

Khushbu Goyal

First published on: Apr 10, 2025 06:00 AM

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