अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ वाले फैसले को पलट दिया है। दरअसल, उन्होंने बीते दिन 75 से ज्यादा देशों पर लगाए गए टैरिफ पर रोक लगा दी है। रेसिप्रोकल टैरिफ पर लगाई गई रोक 90 दिनों तक लागू रहेगी, लेकिन रोक का यह फैसला चीन पर लागू नहीं होगा, बल्कि चीन को अब और ज्यादा टैरिफ देना होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का यह टैरिफ उनके प्रमुख आर्थिक सलाहकार स्टीफन मिरान के विचारों पर आधारित है। उनका दिमाग ही टैरिफ की इस पॉलिसी के पीछे है। स्टीफन मिरान के बारे में सब कुछ यहां पढ़िए।
कौन हैं स्टीफन मिरान?
स्टीफन मिरान ट्रंप के प्रमुख आर्थिक सलाहकार हैं। मीरान ने 2005 में बोस्टन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र, दर्शनशास्त्र और गणित में ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने 2010 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में पीएचडी की, जहां वे मार्टिन फेल्डस्टीन (अमेरिकी अर्थशास्त्री) के स्टूडेंट रहे, मार्टिन फेल्डस्टीन 1980 के दशक में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन प्रशासन के दौरान CEA की अध्यक्षता करने वाले थे। स्टीफन ने वैश्विक व्यापार प्रणाली को नया आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। 22 दिसंबर 2024 को स्टीफन मिरान को डोनाल्ड ट्रंप ने शक्तिशाली आर्थिक सलाहकार परिषद (CEA) का प्रमुख चुना।
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नवंबर 2024 में हडसन बे कैपिटल में रहते हुए मिरान ने 41-पेज की वैश्विक व्यापार प्रणाली के पुनर्गठन के लिए एक गाइड तैयार की थी। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका को फायदा पहुंचाने के लिए वैश्विक व्यापार और फाइनेंशियल सिस्टम को समायोजित करने की रूपरेखा बताई गई थी।
अन्य दो लोग भी रहे शामिल
इस नीति में आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष स्टीफन मिरान के अलावा दो लोग और शामिल थे, जिसमें पियरे यारेड और किम रूहल का नाम शामिल है। यह सदस्य के रूप में काम करते हैं। ये अधिकारी आर्थिक स्थिति का विश्लेषण कर अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को भेजने का काम करते हैं। यही वो तीनों लोग हैं, जिन पर ट्रंप ने भरोसा किया है। आपको बता दें कि देश के अंदर और बाहर उनके फैसले का विरोध किया जा रहा है, इसके बावजूद भी ट्रंप इनकी सलाह पर कायम हैं।
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