अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने झूठ और बड़बोलेपन के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। वे बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर झूठा दावा करते रहते हैं। अब उनका एक और झूठ सामने आया है। उन्होंने अपने ओवल ऑफिस में दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के सामने श्वेत किसानों के नरसंहार की फोटो दिखाने की बजाय अफ्रीकी देश कांगो की फोटो दिखा दी।
न्यूज एजेंसी ने दिखाई सच्चाई
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप जिसे दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों की सामूहिक नरसंहार की तस्वीर बता रहे थे, वो कांगो में गृह युद्ध के बाद पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे रिलीफ वर्कर्स की थी। बता दें कि ट्रंप ने ओवल ऑफिस में साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा को कहा कि गोरे किसानों के साथ अत्याचार हो रहा है। इस पर रामाफोसा ने कहा कि नरसंहार के आरोप झूठे हैं। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति से कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सभी नस्लों के लोग हिंसा से पीड़ित हैं। बता दें कि ट्रंप इससे पहले हाल ही के दिनों और भी कई बड़े और झूठे दावे कर चुके हैं।
सीजफायर पर 7 बार किया दावा
ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर बार-बार झूठ बोला है। वे अब तक 7 बार ये बात कह चुके हैं कि उन्होंने ही भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रोकने का काम किया है। अगर वे नहीं होते तो दोनों देशों में परमाणु युद्ध हो सकता था। हालांकि इन बयानों के अगले दिन ट्रंप पलट गए और उन्होंने कहा कि मैंने कोई सीजफायर नहीं करवाया है। हालांकि इस बयान के एक दिन बाद उन्होंने फिर मध्यस्थता वाला बयान दे दिया।
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कश्मीर विवाद पर दिया था बेतुका बयान
इससे पहले ट्रंप भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर के मुद्दे को 1 हजार साल से अधिक पुराना बता चुके हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच कश्मीर को लेकर हजारों सालों से विवाद चल रहा है। जबकि सच्चाई तो यह है कि दोनों देशों के बीच विवाद 1947 में दोनों देशों के विभाजन के बाद शुरू हुआ है। ट्रंप के एक हजार साल वाले बयान के आधार पर कश्मीर पूरा एक ही था।
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