Devarshi Deka Australia: भारत से ऑस्ट्रेलिया पढ़ने गए एक स्टूडेंट पर जानलेवा हमला हुआ। स्टूडेंट का नाम देवर्षि डेका था। महीनों बाद जब उनकी आंखें खुली तो उन्होंने खुद को हॉस्पिटल में पाया। एक तरफ वो चलने में असमर्थ थे और दूसरी तरफ वीजा भी एक्सपायर होने वाला था। ऐसे में सवाल ये था कि क्या इसी हालत में उन्हें भारत वापस आना पड़ेगा? ये बात ऑस्ट्रेलियन सरकार तक पहुंची और उन्होंने एक हफ्ते के अंदर देवर्षि को देश का स्थायी नागरिक घोषित कर दिया।
हॉबर्ट में हुआ हादसा
दरअसल पिछले साल नवंबर में देवर्शी को तस्मानिया विश्वविद्यालय में दाखिला मिल गया था। ऑस्ट्रेलिया आने के बाद देवर्षि ने कॉलेज ज्वॉइन किया। कुछ दिनों बाद वो दोस्तों के साथ नाइट आउट पर गए। हॉबर्ट में देवर्षि पर हमला हो गया। उन्हें बुरी तरह से मारा-पीटा गया था। कुछ महीनों बाद जब देवर्षि की आंख खुली तो वो हॉस्पिटल में थे। उनके दिमाग के कुछ हिस्सों ने काम करना बंद कर दिया था, आंखों की रोशनी धीरे-धीरे जाने लगी थी और डॉक्टर्स ने उन्हें बताया कि अब वो कभी चल नहीं सकेंगे।
ऑस्ट्रेलिया ने दिखाई दरियादिली
हॉबर्ट स्थित अस्पताल में देवर्षि का इलाज चल रहा था। इस दौरान देवर्षि के परिवार और दोस्तों को एक चिंता सताने लगी। देवर्षि स्टूडेंट वीजा पर भारत से ऑस्ट्रेलिया आए थे और उनका वीजा जल्द ही एक्सपायर होने वाला था। एडवोकेट रिक कौशिक ने देवर्षि की मदद की। उन्होंने पैसे जुटाकर देवर्षि के लिए अभियान शुरू किया। कौशिक का कहना है कि पिछले कुछ हफ्तों में चीजें काफी तेजी से हुईं। ऑस्ट्रेलियन सरकार ने देवर्षि से उनके डॉक्यूमेंट्स मांगे और कुछ ही दिन में उन्हें यहां की स्थायी नागरिकता दे दी गई। देवर्षि ने इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार को भी धन्यवाद किया है।
विदेश मंत्रालय ने भी दी मंजूरी
देवर्शी ने इसके लिए ऑस्ट्रेलिया की सरकार को भी धन्यवाद किया है। उन्होंने तस्मानिया के सांसद को भी पत्र लिखकर धन्यवाद दिया है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्रालय ने भी देवर्षि को नागरिता देने का समर्थन किया है। विदेश मंत्रालय की मंजूरी के बाद देवर्षि को नागरिकता दे दी गई है।
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