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भयंकर चक्रवाती तूफान की दस्तक, 5 देशों में इमरजेंसी और हाई अलर्ट, कितना खतरनाक है टाइफून Ragasa?

Cyclonic Storm Ragasa Landfall: प्रशांत महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफान समुद्र किनारे बसे देशों में काफी तबाही मचाते हैं. 4 दिन पहले जो तूफान समुद्र में उठा है, उसके असर से 5 देशों में तूफानी हवाएं चलने और भारी बारिश होने से बाढ़ आने का खतरा मंडरा गया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Sep 22, 2025 10:06
Typhoon Ragasa | Cyclonic Storm | Pacific Ocean
प्रशांत महासागर में उठने वाले चक्रवाती तूफान समुद्र किनारे बसे देशों में काफी तबाही मचाते हैं.

Super Typhoon Ragasa Landfall: प्रशांत महासागर में उठा चक्रवाती तूफान रगासा 5 देशों थाईलैंड, फिलीपींस, चीन, ताइवान और हांगकांग में तबाही मचाने को तैयार है. तूफान 18 सितंबर को एक्टिव हुआ था और 21 सितंबर तक यह सुपर टाइफून बन गया, जो करीब 22 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है, लेकिन तूफान की तीव्रता को देखते हुए पांचों देशों ने इमरजेंसी की घोषणा कर दी है. फ्लाइट्स और स्कूल-कॉलेज बंद करके समुद्र तट किनारे बसे इलाके खाली करा दिए गए हैं. लोगों को समुद्र तटों से दूर और अपने घरों में ही रहने के साथ ही शिफ्टिंग की तैयारी करने आदेश दिया गया है.

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इस तरह आगे बढ़ रहा चक्रवाती तूफान

बता दें कि 18 सितंबर 2025 को फिलीपींस के पास प्रशांत महसागर में पूर्व दिशा में एक कम दबाव का क्षेत्र बना था, जिससे 20 सितंबर 2025 तक उष्णकटिबंधीय हवाएं चलने लगीं, इन हवाओं ने 21 सितंबर की सुबह तक सुपर टाइफून का रूप ले लिया, जिसे जापान में रगासा नाम दिया गया और फिलीपींस ने नांडो नाम दिया. 21 सितंबर को तूफान फिलीपींस के कागायान में पूर्व दिशा में समुद्र तट से 450 किलोमीटर दूर था, जो आज 22 सितंबर को लुजोन स्ट्रेट पार करके कल 23 सितंबर को साउथ चीन के सागर में एंट्री करेगा और फिर हांगकांग-थाईलैंड होते हुए आगे बढ़ेगा. 24 सितंबर तक तूफान कमजोर पड़ जाएगा.

कितना खतरनाक है टाइफून रगासा?

बता दें कि फिलीपींस की मौसम एजेंसी और हांगकांग की वेधशाला के अनुसार, कैटेगरी-5 का सुपर टाइफून रगासा के कारण 185 किलोमीटर प्रति घंटा (115 मील/घंटा) की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं. 230 किलोमीटर प्रति घंटा (145 मील/घंटा) की रफ्तार वाले झोंके झेलने पड़ सकते हैं. समुद्र की सतह के 30 डिग्री सेल्सियस तक गर्म होने के कारण और कम विंड शीयर के कारण तूफान को मजबूती मिली.

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कहां लैंडफॉल कर चुका है तूफान?

बता दें कि बीते दिन 21 सितंबर को तूफान फिलीपींस के नॉथ लुजोन में कागायान और अपर्री में समुद्र तट से टकरा चुका है, जिसके चलते इलाकों में तूफानी हवाएं चलीं और भारी बारिश हुई. भूस्खलन की घटनाएं भी हादसे का कारण बनीं. मौसम को देखते हुए पाम्प्लोना से लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पड़ा. वहीं तूफान की चपेट में आने से 5 लोगों की मौत हो चुकी है और 50000 से ज्यादा लोग बेघर हुए हैं. फसलें तबाह होने से 500 मिलियन डॉलर तक का नुकसान हो चुका है.

आगे कहां बढ़ेगा और क्या पड़ेगा असर?

फिलीपींस, हांगकांग और ताइवान के जॉइंट टाइफून वार्निंग सेंटर ने 5 दिन का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसके अनुसार, 21 सितंबर को तूफान ताइवान की ओर बढ़ गया है, जिसका असर 22 सितंबर तक देखने केा मिलेगा. इसलिए ताइवन की CWA एजेंसी ने चेतावनी जारी की है कि तूफान बाशी चैनल के पास मजबूत होगा. वहीं चेतावनी को देखते हुए ताइवान सरकार ने उड़ानें रद्द कर दी हैं और समुद्र तटीय इलाकों में बाढ़ आने की चेतावनी जारी की है.

24 सितंबर की सुबह तक तूफान हांगकांग के पास होगा, जिसके समुद्र तट से टकराने पर 210 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और बाढ़ आने का खतरा है. 23-24 सितंबर को ही तूफान दक्षिण चीन सागर में एंट्री करके ग्वांगडोंग में तट पर लैंडफॉल कर सकता है. इसके अलावा वियतनाम में तूफानी हवाएं चलने और भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. वहीं तूफान के असर से बिजली ठप पड़ी है और फ्लाइटों के साथ-साथ नौका सेवाएं बंद कर दी गई हैं.

भारत पर क्या पड़ेगा तूफान का असर?

बता दें कि जॉइंट टाइफून वार्निंग सेंटर (JTWC) और हांगकांग ऑब्जर्वेटरी (HKO) के अनुसार, टाइफून रगासा का असर पूर्वी एशिया के देशों पर पड़ेगा, भारत की तरफ इसके पहुंचने की उम्मीद नहीं है. भारत के समुद्र की तरफ रुख न होने के कारण इसका कोई प्रत्यक्ष प्रभाव भी नहीं पड़ेगा. टाइफून रगासा प्रशांत महासागर में जिस हिस्से में एक्टिव है, वह भारत से 3000-4000 किलोमीटर दूर है, भारत के पूर्वी तट अंडमान-निकोबार या ओडिशा से भी यह काफी दूर है.

First published on: Sep 22, 2025 09:40 AM

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