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1000 का कत्लेआम, सैकड़ों की चली गई आंखों की रोशनी, बांग्लादेश के खौफनाक सच को बताने वाली रिपोर्ट

Bangladesh Violence Report: बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के दौरान कत्लेआम मचा। मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने इस पर रिपोर्ट जारी कर दी है। आइए जानते हैं कि इस रिपोर्ट में कौन-कौनसे तथ्य सामने आए हैं।

Edited By : Pushpendra Sharma | Updated: Aug 30, 2024 00:28
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Bangladesh Protest
Bangladesh Protest

Bangladesh Violence Report: बांग्लादेश में आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसक प्रदर्शन हुए। लोगों के घरों में आग लगा दी गई। लोगों को सरेआम गोलियां मार दी गईं। कत्लेआम मचाया गया। शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों में पूरा बांग्लादेश जल उठा। इसके बाद शेख हसीना की सत्ता का तख्तापलट भी हो गया। जिसके बाद वह भारत में शरण लेने को मजबूर हुईं। इस आंदोलन के दौरान कितनी जनहानि हुई, इसका खौफनाक सच बताने वाली एक रिपोर्ट सामने आई है।

 400 से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी चली गई 

मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश के हिंसक प्रदर्शन पर अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों में 1,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सरकार की स्वास्थ्य सलाहकार नूरजहां बेगम ने यह जानकारी दी है। नूरजहां ने ढाका के राजारबाग में केंद्रीय पुलिस अस्पताल के दौरे के दौरान इसका खुलासा किया। इसके साथ ही नूरजहां ने एक चौंकाने वाली बात बताई। उन्होंने कहा कि पुलिस कार्रवाई में 400 से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी चली गई। इसमें छात्र और आम लोग शामिल हैं। इनमें से कुछ की एक आंख और जबकि कुछ लोगों की दोनों आंखों की रोशनी चली गई है।

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 सिर और पैरों में चोटें 

नूरजहां ने बीडीन्यूज24 डॉट कॉम न्यूज पोर्टल से बातचीत में ये खुलासे किए। अस्पताल के दौरे के दौरान नूरजहां बेगम ने घायल पुलिस कर्मियों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने उनका हालचाल जाना। उन्होंने बताया कि कई अधिकारियों के सिर और पैरों में चोटें आई हैं। बेगम ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार ने जान गंवाने वालों के परिवारों की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने घायलों को मुफ्त इलाज मुहैया कराने का वादा किया है।

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इलाज के लिए दानदाताओं से अपील

नूरजहां ने कहा- कुछ लोगों के पैर में गंभीर चोटें आई हैं। यहां तक ​​कि कई लोगों के तो पैर भी काटने पड़े हैं। हम उनके इलाज के लिए प्रयास कर रहे हैं। हम विदेश से डॉक्टरों की एक टीम लाने के लिए दानदाताओं से अपील कर रहे हैं। हम कई संगठनों और विश्व बैंक के साथ बातचीत कर रहे हैं। बता दें कि नौकरियों में विवादास्पद कोटे के खिलाफ विरोधी छात्र आंदोलन हुआ था। देखते ही देखते यह प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक टकराव में बदल गया। बाद में यह आंदोलन सरकार विरोधी अभियान बन गया। इसके चलते प्रधानमंत्री शेख हसीना को 5 अगस्त को पद छोड़ना पड़ा। उन्होंने बांग्लादेश से आकर भारत में शरण ली है। फिलहाल 84 साल के नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है।

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Edited By

Pushpendra Sharma

First published on: Aug 30, 2024 12:27 AM

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