Bangladesh Violence : बांग्लादेश में एक बार फिर हिंसा भड़क उठी। एक महीने के अंदर यह सबसे बड़ी घटना है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग को लेकर हजारों छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शकारियों ने राजधानी ढाका में जमकर उत्पात मचाया। उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई मार्गों को जाम कर दिया। इस दौरान उनकी पुलिस और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों से झड़प हुई। इस पर पुलिस ने लाठियां चलाईं और आंसू गैस के गोले दागे। सरकार ने पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दीं। पुलिस का कहना है कि इस हिंसक झड़प में 300 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। आइए जानते हैं कि क्यों दंगों की आग में बांग्लादेश जल रहा है?
आरक्षण प्रणाली से नाराज हैं छात्र
स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन (SAD) के बैनर तले छात्र पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ढाका में रविवार को अचानक से हिंसा भड़की, जिसकी चपेट में कई लोग आए और 300 की जान चली गई, जबकि कई लोग घायल हो गए। स्टूडेंट्स आरक्षण कोटा प्रणाली से नाराज हैं। बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जिसे खत्म करने की मांग की जा रही है।
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Protesters in Dhaka demanded Prime Minister Sheikh Hasina’s resignation after a violent police crackdown. Protest leader Asif Mahmud urged supporters to “prepare bamboo sticks and liberate Bangladesh.” pic.twitter.com/xzIR9R7sWH
— Kedar (@shintre_kedar) August 4, 2024
पीएम शेख हसीना को हटाने की मांग
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्टूडेंट्स की मांगों को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद तनाव बढ़ गया। अब छात्र तानाशाही का आरोप लगाते हुए शेख हसीना सरकार को हटाने की मांग कर रहे हैं। आरक्षण को लेकर प्रदर्शनकारियों का कहना है कि योग्यता के आधार पर नौकरियां मिलनी चाहिए।
🚨 #Bangladesh: Unprecedented scenes where #BangladeshArmy refuses to fire on anti #SheikhHasina protests
The video clips show #BDArmy firing in the air towards govt sponsored #AwamiLeague as pro student crowd cheers.
Every @fascist govt eventually falls. #Dhaka… pic.twitter.com/74mZ7M3680
— Shafek Koreshe (@shafeKoreshe) August 4, 2024
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बांग्लादेश में क्या है आरक्षण का प्रावधान?
बांग्लादेश में आरक्षण कोटे के तहत सरकारी नौकरियां 56 प्रतिशत आरक्षित हैं। स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार वालों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण हैं। पिछड़े प्रशासनिक जिलों और महिलाओं को 10-10 प्रतिशत रिजर्वेशन मिलता है। जातीय अल्पसंख्यक समूहों को 5 फीसदी और दिव्यांगों के लिए 1 फीसदी रिजर्वेशन रिजर्व है।