Bangladesh News LIVE updates : दगों की आग में जल रहे बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की स्थित बन गई है। पुलिस और प्रदर्शनकारी छात्रों की हिंसक झड़प में 300 से ज्यादा लोगों की जान चुकी है, जिसमें 19 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पूरे देश में अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया फिर पुलिस को हटाकर सेना को तैनात कर दिया गया। शेख हसीना पीएम पद से इस्तीफा देने के बाद देश भी छोड़ चुकी हैं। सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान ने अंतरिम सरकार गठित करने का ऐलान कर दिया है।
बता दें कि प्रदर्शनकारी छात्रों ने प्रधानमंत्री शेख हसीना पर इस्तीफा देने का दबाव बनाने के लिए राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए राजधानी ढाका तक मार्च निकालने का आह्वान किया था। शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने बांग्लादेश की जनता को संबोधित किया और नई सरकार का गठन होने तक लोगों से धैर्य रखने का आग्रह किया गया है। उधर, हालात को देखते हुए दिल्ली में स्थित बांग्लादेशी हाई कमीशन में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
In a televised address to the nation, #Bangladesh Army Chief General Waker-Uz-Zaman urged the countrymen to remain patient and maintain peace.
He said “an interim government will be formed in Bangladesh after discussions with the President.
Around 100 people were killed and… pic.twitter.com/IAXFIUtV0V
— All India Radio News (@airnewsalerts) August 5, 2024
भारत पहुंचीं शेख हसीना
अपनी बहन के साथ बांग्लादेश छोड़ने वाली शेख हसीना आखिरकार भारत पहुंच गई हैं। यहां के हिंडन एयरबेस पर उनका विमान पहुंच गया है। अभी तक चर्चा चल रही थी कि वह लंदन भी जा सकती हैं।
विदेशी ताकतों का हो सकता है हाथ
बांग्लादेश के लिए भारत के पूर्व उच्चायुक्त हर्ष श्रंगला ने कहा है कि शेख हसीना के खिलाफ बने माहौल के पीछे विदेशी ताकत का हाथ हो सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के हित में यही है कि ढाका में शांति फिर से काम की जाए। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में बने राजनीतिक संकट के लिए आर्थिक कारण और अलगाववादी जिम्मेदार हैं।
भारतीय रेलवे ने रोक दी हैं ट्रेन सेवाएं
भारतीय रेलवे ने बांग्लादेश में हालात को देखते हुए पहले ही बांग्लादेश के लिए चलने वाली ट्रेन सेवाओं को बंद कर दिया था। रेलवे ने बांग्लादेश जाने वाली कोलकाता-ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस ट्रेन समेत सभी रेल सेवाओं 19 जुलाई को रोक दी थीं। यह प्रतिबंध 6 अगस्त तक के लिए लगाया गया था। लेकिन मौजूदा हालात देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि इसे और बढ़ाया जा सकता है।
Indian Railways had cancelled all train services including Kolkata-Dhaka-Kolkata Maitri Express train to Bangladesh from 19th July till 6th August: Indian Railways
— ANI (@ANI) August 5, 2024
जल्द होगा अंतरिम सरकार का गठन
बांग्लादेश की सेना के प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने ऐलान किया है कि जल्द ही अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि देश में फिर से शांति स्थापित हो सके। इसके लिए राष्ट्रपति के साथ चर्चा की जाएगी। उन्होंने जनता से अनुरोध किया है कि थोड़ा सब्र करें और शांति बनाए रखें।
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भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
भारत सरकार ने बांग्लादेश के हालात को देखते हुए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने कहा है कि मौजूदा हालात को देखते हुए जब तक जरूरी न हो बांग्लादेश न जाएं। साथ ही बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय अतिरिक्त सावधानी बरतें और जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें।
दिल्ली आ सकती हैं शेख हसीना
बांग्लादेश में बिगड़ते हालात के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश छोड़ दिया है। पहले कहा जा रहा था कि वह फिनलैंड के लिए रवाना हो गई हैं। लेकिन अब उनका एयरफोर्स विमान भारत के एयरस्पेस में देखा गया है। माना जा रहा है कि वह दिल्ली आ सकती हैं।
सत्तारूढ़-विपक्षी पार्टियों के नेताओं की बैठक
हिंसा के बीच सेना हेडक्वार्टर में सत्तारूढ़ पार्टी अवामी लीग और विपक्षी पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक हुई। अब छात्रों का विरोध प्रदर्शन शेख हसीना की कुर्सी के लिए खतरा बनता जा रहा है। इस बीच शेख हसीना ने ढाका छोड़ दिया।
ये बंगाल देश का क्या scene हो गया#Bangladeshstudentprotest #BangladeshViolence pic.twitter.com/fijGhEexML
— jaypal chordia (@jpchordiya_5) August 5, 2024
ढाका छोड़कर निकलीं शेख हसीना
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना हिंसक प्रदर्शनों के बीच ढाका महल छोड़कर सुरक्षित स्थान के लिए रवाना हो गईं। हालांकि, शेख हसीना ने ढाका छोड़ने से पहले प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
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पीएम शेख हसीना को हटाने की मांग
शेख हसीना ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आरक्षण को खत्म करने से मना कर दिया था। इसके बाद पूरे देश में तनाव बढ़ गया। छात्रों ने शेख हसीना पर तानाशाही का आरोप लगाया और उन्हें प्रधानमंत्री पद से हटाने की मांग की।