बांग्लादेश से एक बड़ी खबर सामने आई है। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है। शनिवार को मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने अपने सरकारी आवास पर आपातकाल बैठक बुलाई थी, जहां हसीना की पार्टी पर बैन लगाने पर चर्चा की गई थी, जिसके बाद सरकार ने फैसला लिया गया। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस की अध्यक्षता वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शनिवार को अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
यूनुस की अंतरिम सरकार ने क्या कहा?
यूनुस की अंतरिम सरकार ने घोषणा की कि अवामी लीग को आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित किया जा रहा है। बयान में आगे कहा गया कि ‘इस संबंध में आधिकारिक राजपत्र अधिसूचना अगले कार्य दिवस पर जारी की जाएगी।’ सलाहकार परिषद या कैबिनेट के एक बयान में कहा गया कि यह प्रतिबंध देश की सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के हित में बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में अवामी लीग और उसके नेताओं के खिलाफ मुकदमा पूरा होने तक प्रभावी रहेगा। जुलाई 2024 के विद्रोह के बाद नेताओं और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा की आवश्यकता को भी प्रतिबंध का कारण बताया गया।
फिलहाल भारत में रह रही हैं शेख हसीना
बता दें कि 2024 में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ शुरुआती विरोध प्रदर्शन हसीना विरोधी आंदोलन में बदल गया था, क्योंकि उनकी सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी थी। उसके बाद से 77 वर्षीय हसीना ढाका से भाग गईं और भारत में रह रही हैं।
आईसीटी कानून में संशोधन किया गया
यूनुस की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रतिबंध पर निर्णय लिया गया, जिसमें आईसीटी कानून में संशोधन किया गया ताकि न्यायाधिकरण को किसी भी राजनीतिक दल उसके अग्रणी संगठनों और संबद्ध निकायों पर मुकदमा चलाने की अनुमति मिल सके। भ्रष्टाचार के मामले के अलावा हसीना पर सामूहिक हत्याओं, मानवता के विरुद्ध अपराध और जबरन गायब कर दिए जाने जैसे अनेक आरोप हैं, जबकि ये मामले बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में दायर लाए जा रहे हैं।
पिछले महीने जारी हुआ था गिरफ्तारी वारंट
पिछले महीने बांग्लादेश की एक अदालत ने हसीना, उनकी बहन शेख रेहाना, ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक और 50 अन्य के खिलाफ राजनीतिक सत्ता का दुरुपयोग करके कथित अवैध भूमि अधिग्रहण के सिलसिले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। छात्रों के नेतृत्व वाली नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) भी हसीना पर उनके शासन के दौरान कथित ‘गलत कामों’ के लिए मुकदमा चलाने की मांग कर रही है। नई पार्टी ने अवामी लीग से आम चुनावों में भाग नहीं लेने को भी कहा है।