Bangladesh Crisis : बांग्लादेश में राजनीतिक उथलपुथल के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने मुख्य न्यायाधीश और एप्लीकेशन डिवीजन के जजों के इस्तीफे की मांग की और एक घंटे के अंदर पद छोड़ने पद छोड़ने की धमकी दी थी। इसके बाद ओबैदुल हसन ने चीफ जस्टिस पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, सैयद रेफत अहमद बांग्लादेश के नए चीफ जस्टिस बने।
इसे लेकर अंतरिम सरकार के कानून, न्याय और संसदीय मामलों के मंत्री आसिफ नजरुल ने फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि ओबैदुल हसन का त्यागपत्र कानून मंत्रालय को मिल चुका है। वे बिना देरी किए इसे राष्ट्रपति को भेज देंगे, ताकि उनका इस्तीफा मंजूर हो जाए। इससे पहले शेख हसीना को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद वह ढाका छोड़कर भारत चली गईं।
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आंदोलन पर चीफ जस्टिस ने की थी सख्त टिप्पणी
बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुए जब हाई कोर्ट ने नौकरी में कोटा प्रणाली को बहाल कर दिया, जिससे छात्रों का गुस्सा भड़क गया। चीफ मुख्य न्यायाधीश ओबैदुल हसन ने हाई कोर्ट के फैसले पर सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि सड़कों पर इतने सारे आंदोलन क्यों शुरू हो गए हैं? क्या आप आंदोलन के जरिए दबाव बनाकर हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसलों को बदल देंगे?
जजों की बैठक बुलाना पड़ा भारी
चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन ने सुप्रीम कोर्ट के दोनों डिवीजनों के सभी न्यायाधीशों के साथ पूर्ण न्यायालय की बैठक बुलाई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने इसे न्यायपालिका का तख्तापलट माना और सुप्रीम कोर्ट को घेरने का ऐलान कर दिया। छात्रों के विरोध पर उन्होंने बैठक स्थगित कर दी और बाद में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बताया जा रहा है कि ओबैदुल हसन ने अंतरिम सरकार की बिना परमिशन के यह बैठक बुलाई थी।
कहीं शेख हसीना तो नहीं बनीं वजह
चीफ जस्टिस ओबैदुल हसन को शेख हसीना का वफादार माना जाता है। शेख हसीना की सरकार ने उन्हें 12 सितंबर 2023 को चीफ जस्टिस के रूप में नियुक्त किया था। बताया जा रहा है कि शेख हसीना के करीबी होने की वजह से ओबैदुल हसन को चीफ जस्टिस पद से इस्तीफा देना पड़ा।
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प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट का किया घेराव
सुप्रीम कोर्ट परिसर में सैकड़ों प्रदर्शनकारी छात्रों के एकत्र होने के बाद बांग्लादेशी सेना के जवानों को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया था। सेना के जवान मुख्य भवन, एनेक्सी बिल्डिंग और सुप्रीम कोर्ट के आसपास के अन्य क्षेत्रों में तैनात थे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से बचने की अपील की। आपको बता दें कि 84 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली।