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कौन हैं बलूच लीडर मीर यार, जिन्होंने ‘आजाद बलूचिस्तान’ को दुनिया भर में कराया ट्रेंड

बलूचिस्तान ने खुद को एक आजाद मुल्क घोषित कर दिया है। बलूच नेता मीर यार ने अपने एक्स हैंडल से ट्विट कर इसकी जानकादी दी है। जिसके बाद से पूरी दुनिया में बलूचिस्तान की चर्चा हो रही है और बलूच नेता मीर यार का नाम सबकी जुबान पर है।

Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: May 15, 2025 22:15
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बलूच नेता मीर यार

भारत से तनाव के बीच पाकिस्तान के अपने देश में भी बुरी तरह घिर गया है। इस बीच बलूचिस्तान ने खुद को एक आजाद मुल्क घोषित कर दिया है। बलूच नेता मीर यार ने अपने एक्स हैंडल से ट्विट कर इसकी जानकादी दी है। जिसके बाद से पूरी दुनिया में बलूचिस्तान की चर्चा हो रही है और बलूच नेता मीर यार का नाम सबकी जुबान पर है। आइए आपको बताते हैं कि बलूचिस्तान को देश घोषित करने वाले मीर यार कौन हैं?

दुनिया भर बलूचिस्तान को कराया ट्रेंड

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बलूच नेता मीर यार बलोच एक लेखक, स्वतंत्र पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। मीर यार कई वर्षों से आजाद बलूचिस्तान के आंदोलन को लीड कर रहे हैं। बलूच नेता समय-समय पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बलूच लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने एक्स पर किए अपने पोस्ट से दुनिया को चौंका दिया है। उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का अंग नहीं है। उन्होंने बलूचिस्तान को आजाद देश घोषित कर दिया है। उनके इस बयान के बाद बलूचिस्तान की आजादी की मुहिम को नया बल मिला है। इसके बाद से दुनिया भर में बलूचिस्तान ट्रेंड कर रहा है।

आतंकियों के पीछे पाक सेना

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बलूच नेता मीर यार का कहना है कि दुनिया अब मूक दर्शक नहीं रह सकती। बलूच लोगों ने दुनिया को अपना फैसला बता दिया है। इसके बाद बलूच युवाओं में उत्साह भर रहा है। मीर यार ने भारत से भी समर्थन मांगा है और दिल्ली में दूतावास खोलने की अनुमति मांगी है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत का समर्थन किया है और पाकिस्तान के खिलाफ खुलकर बोले थे। बलूच नेता ने कहा कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देने वाला देश है। इसमें पाक सेना का बड़ा रोल है।

पाक सेना में 98% पंजाबी, नहीं जानते बलूच

मीर यार बलूच का कहना है कि पाक सेना की 98% जनसंख्या पंजाबी है, जो बलूच भाषा तक नहीं जानती है। उन्होंने कहा कि आर्मी ट्रांसलेटरों के जरिए स्थानीय लोगों से बात करती है। वहीं बलूचिस्तान के बंदरगाहों और समुद्री रास्तों का पाकिस्तान इस्तेमाल करता है, जबकि स्थानीय लोगों को उनका हक नहीं दिया जाता है।

First published on: May 15, 2025 10:08 PM

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