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यूएस में जन्म लेने वाला हर बच्चा नहीं बनेगा अमेरिकी नागरिक! सुप्रीम कोर्ट में ट्रंप की बड़ी जीत

अमेरिका में अभी तक जन्म लेने वाला हर बच्चा ऑटोमैटिक ही वहां का नागरिक हो जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल में 'बर्थराइट सिटिजनशिप' खत्म करने का एक ऑर्डर साइन किया था। निचली अदालतों ने इस फैसले को पूरे देश में लागू होने से रोक दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालतों के जजों की इस पावर को कम कर दिया है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jun 27, 2025 22:08
Donald Trump Iran attack statement
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Pic Credit-X)

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले दिन एक बड़ा एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन किया था। इस ऑर्डर में कहा गया था कि अमेरिका में पैदा होने वाले उन बच्चों को नागरिकता नहीं मिलेगी, जिनके माता-पिता में से कम से कम एक अमेरिकी नागरिक या लीगल परमानेंट रेजिडेंट (ग्रीन कार्ड होल्डर) नहीं है। इसका मतलब है कि अमेरिका में पैदा होने वाले बच्चों को ऑटोमैटिकली नागरिकता नहीं मिलेगी। पहले अमेरिका में पैदा होने वाले हर बच्चे को यहां कि नागरिकता ऑटो मैटिक मिल जाती थी, इसे बर्थराइट सिटिजनशिप कहते हैं। डोनाल्ड ट्रंप ने इसी को खत्म करने की कोशिश की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

27 जून 2025 को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 6-3 के फैसले में ट्रंप की इस कोशिश को सपोर्ट किया है। कोर्ट ने मैरीलैंड, मैसाचुसेट्स और वॉशिंगटन स्टेट के फेडरल जजों द्वारा दिए गए तीन नेशनवाइड इंजंक्शन (रोक के आदेश) को कम करने का ऑर्डर दिया है। इन जजों ने ट्रंप के इस ऑर्डर को लागू होने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन जजों को अपने आदेशों की सीमा पर दोबारा विचार करना होगा।

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ट्रंप के ऑर्डर का हुआ था विरोध?

ट्रंप का ये ऑर्डर बर्थराइट सिटिजनशिप को खत्म करने की कोशिश करने वाला है। बर्थराइट सिटिजनशिप का मतलब है कि अमेरिका में पैदा होने वाला हर बच्चा, चाहे उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी हो, यहां तक कि अगर वे गैरकानूनी ढंग से देश में हों तो भी बच्चा ऑटोमैटिकली अमेरिकी नागरिक बन जाता था। ये हक अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन में दिया गया है, जो सिविल वॉर के बाद लागू हुआ था।

वहीं, ट्रंप के ऑर्डर से हर साल करीब 1,50,000 नवजात बच्चे अमेरिकी नागरिकता से वंचित हो जाएंगे। इस ऑर्डर का विरोध 22 डेमोक्रेटिक स्टेट्स के अटॉर्नी जनरल्स, इमिग्रेंट राइट्स ग्रुप्स और प्रेग्नेंट इमिग्रेंट्स ने किया था।

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जजों की पावर पर लगी लगाम

कई फेडरल जजों ने ट्रंप के इस ऑर्डर को रोकने के लिए नेशनवाइड इंजंक्शन जारी किए थे, यानी पूरे देश में इस ऑर्डर को लागू होने से रोक दिया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने जजों की इस ताकत को कम कर दिया है। अब जजों के लिए पूरे देश में किसी पॉलिसी को रोकना मुश्किल हो सकता है। इससे ट्रंप को अपनी पॉलिसी को लागू करने में मदद मिलेगी।

क्या होगा इसका असर?

सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ट्रंप के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि अब उनके एग्जीक्यूटिव ऑर्डर को लागू करने में कम रुकावटें आएंगी। हालांकि, कोर्ट ने अभी ट्रंप के ऑर्डर की कानूनी वैधता पर कोई फैसला नहीं दिया है और इसे लागू होने में अभी 30 दिन का समय है। इस दौरान निचली अदालतें इस पर दोबारा विचार करेंगी।

इस फैसले से बर्थराइट सिटिजनशिप को लेकर बहस और तेज हो सकती है। कई लोग इसे असंवैधानिक मानते हैं, क्योंकि ये 14वें संशोधन के खिलाफ जाता है। दूसरी ओर, ट्रंप का कहना है कि ये ऑर्डर अमेरिकी नागरिकता के मूल्य को बचाने के लिए जरूरी है।

First published on: Jun 27, 2025 09:59 PM

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