नई दिल्ली: 2011 में अलकायदा संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद से आतंकवादी ग्रुप को सबसे बड़ा झटका लगा है। आतंकी संगठन अलकायदा चीफ अयमान अल-जवाहिरी को अमेरिका की खुफिया एजेंसी CIA ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में ड्रोन से मार गिराया है।अल जवाहिरी दुनिया का मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों में से एक था। अलजवाहिरी 9/11 घटना का मास्टरमाइंड भी था। अलजावहिरी पर 2.5 मिलियन ड़लर का ईनाम था।
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अल जवाहिरी की मौत के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक बयान जारी कर मिशन अलकायदा की पुष्टि की है। जो बाइडेन ने कहा कि मिशन अलकायदा कामयाब रहा। किसी नागरिक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आगे भी आतंक के खिलाफ लड़ाई जा रहेगी।
9/11 के आतंकी हमले में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने की बात कहते हुए जो बाइडेन ने कहा, ‘हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार गिराया है। अमेरिका और यहां की जनता के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। अगर आप हमारे लोगों के लिए खतरा हैं, तो अमेरिका आपको ढूंढेगा और बाहर निकालेगा, आप चाहे कहीं भी छिप जाएं, चाहे कितना भी समय लगे।’
I’m addressing the nation on a successful counterterrorism operation. https://t.co/SgTVaszA3s
— President Biden (@POTUS) August 1, 2022
राष्ट्रपति ने सोमवार रात साढ़े सात बजे ऑपरेशन पर व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि इस मिशन की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई थी। साथ ही बाकी नागरिकों को नुकसान के जोखिम को कम से कम किया गया था। एक हफ्ते पहले सब कुछ ठीक होने की स्थितियों को देखते हुए मैंने हमले के लिए अंतिम मंजूरी दे दी और मिशन सफल रहा।
वहीं अमेरिका की इस कार्रवाई से तालिबान तिलमिला गया है। तालिबान इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बता रहा है। तालिबान के एक प्रवक्ता ने अमेरिकी ऑपरेशन को अंतर्राष्ट्रीय सिद्धांतों का स्पष्ट उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा, ‘इस तरह की कार्रवाइयां पिछले 20 वर्षों के असफल अनुभवों की पुनरावृत्ति हैं और संयुक्त राज्य अमेरिका, अफगानिस्तान और क्षेत्र के हितों के खिलाफ हैं।’
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आपको बता दें कि अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकी हमले के बाद से अमेरिका को ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी की तलाश थी। इस हमले में 93 देशों के 2,977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्टों को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था। हालांकि कई सालों के मिशन के बाद 2 मई 2011 को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों ने ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान में खोजकर मार डाला था, मगर अल जवाहिरी की तलाश जारी थी।
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