Dinosaur Fossil Recovered From Forest: डायनासोर दुनिया का ऐसा जानवर है, जिसके बारे में सिर्फ चर्चा होती हैं, इन्हें किसी ने देखा नहीं है। कहा जाता है कि आज से करोड़ों साल पहले जब दुनिया अस्तित्व में आई थी, तब धरती पर डायनासोर पाए जाते थे, जो करोड़ों साल पहले लुप्त भी हो चुके हैं, लेकिन उनके अवशेष आज भी दुनियाभर के कई देशों में मिल चुके हैं। अब फ्रांस में डायनासोर का जीवाश्म मिलने का मामला सामने आया है, जो जंगल में कुत्ता घमाने वाले शख्स को मिला। उस शख्स ने करीब 2 साल तक इस अवशेष को दुनिया से छिपाए रखा।
Paleontology enthusiast found 70-million-year-old dinosaur fossil while walking his dog https://t.co/HCm8vLoyuj pic.twitter.com/6TbRNcWFtC
— New York Post (@nypost) March 7, 2024
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7 करोड़ साल पुराना जीवाश्म
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, फ्रोंस के क्रूजे स्टेट के गांव मोंटौलीर्स में मिला डायनासोरा का जीवाश्म 7 करोड़ साल पुराना होने का दावा किया जा रहा है। दक्षिणी फ्रांस के जीवाश्म विज्ञान में रुचि रखने वाले डेमियन बोशेटो को यह जीवाश्म मिला।
वह अपने कुत्ते मफिन को मॉन्टौलीर्स के जंगलों में घुमा रहे थे, जब उनका पैर इस जीवाश्म से टकराया। जीवाश्म देखने में चट्टान जैसा था, लेकिन उनके कुत्ते ने इसे खोदना शुरू कर दिया। जब उन्होंने इसमें हड्डियां देखी तो उन्होंने टीम के साथ मिलकर उसकी खुदाई की तो जो चीज मिली, देखकर वे हैरान रह गए।
Rare discovery of dinosaur remains preserved with its last meal | #Geology #GeologyPage #Dinosaur #Fossil
Finding the last meal of any fossil animal is rare. When McGill University Professor Hans Larsson saw a complete mammal foot …
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— Geology Page (@GeologyPage) March 7, 2024
करीब 30 फीट लंबा जीवाश्म
बोशेटो कहते हैं कि जीवाश्म उत्तर क्रिटेशियस काल के डायनासोर का है, जिसे टाइटनोसॉरस कहते हैं। यह सॉरोपॉड डायनासोर परिवार की प्रजाति हैं, जो आज से 16.35 करोड़ साल पहले धरती पर रहते थे। इनकी गर्दन काफी लंबी होती थी, इसलिए इन्हें धरती का सबसे विशालकाय जानवर माना गया।
इनकी करीब 40 प्रजातियां धरती पर पैदा हो चुकी हैं। उन्हें इस डायनासोर का जीवाश्म निकालकर इसकी सफाई करने और इसे संभालने में 2 साल लग गए। यह करीब 30 फीट लंबा है। उन्होंने आर्कियोलॉजिकल एंड पेलियोन्टोलॉजिकल कल्चरल एसोसिएशन के सदस्यों के साथ मिलकर 10 दिन खुदाई में करके जीवाश्म को निकाला।
सुरक्षित रखने के लिए छुपाया
बोशेटो बताते हैं कि उन्होंने 2 साल तक इस जीवाश्म को इसलिए छिपाए रखा, ताकि लोग इस पुरातत्व स्थल पर आकर इसे नुकसान न पहुंचाए। जीवाश्म सुरक्षित रहे। अब इसे पूरी तरह संभाल लिया गया है और अब इस दुर्लभ जीवाश्म को क्रूज़ी म्यूजियम में सहेज कर रखा जाएगा और जल्दी ही पूरी दुनिया के सामने प्रदर्शित किया जाएगा। क्रूज़ी म्यूज़ियम के संस्थापक फ्रांसिस फ़ेज़ खुद इस जीवाश्म को देखने आए। इसे जांचने परखने और लैब टेस्टिंग करने के बाद उन्होंने इसे संरक्षित करने के निर्देश दिए।