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भयंकर भूकंप से फटा 600 साल पुराना ज्वालामुखी, कितना है खतरनाक और उड़ानों पर क्या पड़ा असर?

Russian Volcano Eruption: रूस के कामचटका में आए भयंकर भूकंप ने 600 साल पुराने ज्चालामुखी को जगा दिया। आज 3 अगस्त को ज्वालामुखी में जोरदार विस्फोट हुआ, जिससे निकला राख का गुबार आसमान में 6000 मीटर की ऊंचाई तक फैला है, जो विमानों के लिए खतरा बन सकता है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Khushbu Goyal Updated: Aug 3, 2025 22:01
Krasheninnikov Volcano | Russia Earthquake | Japan Tsunami
10000 साल में इस ज्वालामुखी में 31 विस्फोट हो चुके हैं।

Krasheninnikov Volcano Eruption: रूस में 30 जुलाई 2025 को आए 8.8 की तीव्रता वाले भूकंप ने 600 साल से सोए ज्वालामुखी को जगा दिया। जी हां, रूस के सुदूर पूर्व में कामचटका प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर क्रोनोत्स्की नेचर रिजर्व में स्थित क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी में 600 साल बाद आज 3 अगस्त 2025 को विस्फोट हुआ, जो राख और लावा उगल रहा है।

ज्वालामुखी से निकलने वाली राख 6000 मीटर यानी करीब 6KM की ऊंचाई तक आसमान में फैली हुई है, जिसके चलते रशियन एविएशन ने ज्वालामुखी वाले इलाके को ऑरेंज कोड की कैटेगरी में डाल दिया है, जिसके तहत विमानों को इस इलाके से न गुजरने की हिदायत दी गई है।

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क्या कहते हैं रूस के वैज्ञानिक?

भूकंप वैज्ञानिकों का मानना है कि रूस के सुदूर पूर्व में 30 जुलाई 2025 को आए भूकंप ने खतरे की घंटी बजाई है। जिस ज्वालामुखी ने क्रेशेनिनिकोव ज्वालामुखी ने वर्ष 1463 के बाद से लावा नहीं उगला है, वह अब फट गया है। यह ज्वालामुखी ओवरलैपिंग स्ट्रैटोवोल्केनो से बना है, जो एक बड़े काल्डेरा के अंदर मौजूद है। इसका ज्वालामुखी का नाम रूस के खोजकर्ता स्टीफन क्रेशेनिनिकोव के नाम पर रखा गया है।

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आज ज्वालामुखी में विस्फोट होने के बाद राख का जो बादल उठा, उसका गुबार प्रशांत महासागर की ओर पूर्व दिशा में 75 किलोमीटर तक फैला है। ज्वालामुखी के नॉर्थ क्रेटर के ऊपर राख का गुबार देखा गया। इसकी ढलान पर एक दरार से लावा निकल रहा है, जिसे साथ गैस और भाप भी निकल रही है। हालांकि ज्वालामुखी में विस्फोट के कारण आबादी वाले इलाके प्रभावित नहीं हुए, लेकिन विमानों के लिए ऑरेंज कोड जारी किया गया है, जो हवाई यात्रा के लिए खतरा है।

ज्वालामुखी के बारे में अहम जानकारियां

वैज्ञानिकों के अनुसार, ज्वालामुखी के साउथ Cone का निर्माण 11000 साल पहले शुरू हुआ था, जो 4500 वर्षों तक चला। नॉर्थ Cone का निर्माण 6500 वर्ष पहले साउथ Cone के पूरा होने के बाद शुरू हुआ। दोनों Cone के अंदर 800-900 मीटर चौड़े क्रेटर हैं। यह ज्वालामुखी एक स्ट्रैटो वोल्केनो है, जिसमें पिछले 10000 साल में कम से कम 31 विस्फोट हुए हैं।

क्रेशेनिनिकोव रूस के कामचटका प्रायद्वीप की पूर्वी ज्वालामुखी बेल्ट में स्थित है, जो पृथ्वी के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी क्षेत्रों में से एक है और यह प्रशांत रिंग ऑफ फायर का हिस्सा है। यह ज्वालामुखी 1856 मीटर ऊंचा है और क्रोनोत्स्की नेचर रिजर्व में क्रोनोत्स्कोये झील के दक्षिण में स्थित है। कामचटका ज्वालामुखी विस्फोट प्रतिक्रिया दल (KVERT) और रूस के आपातकालीन मंत्रालय द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है।

First published on: Aug 03, 2025 09:55 PM

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