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नुकसान से बचना है तो भारत को सुधारने होंगे कनाडा के साथ ताल्लुक; वजह ही कुछ ऐसी है…

India Canada Relations Interesting Facts, नई दिल्ली: कनाडा के आतंकियों शरणस्थली बने होने की वजह से आजकल भारत और कनाडा के आपसी संबंध ठीक नहीं हैं। मामला सुलझता भी नजर नहीं आ रहा और ऐसे में भारत को खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारत कनाडा से दालें, अखबारी कागज, लकड़ी का गूदा, एस्बेस्टस, पोटाश, लौह […]

Edited By : Balraj Singh | Updated: Sep 23, 2023 21:34
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India Canada Relations Interesting Facts, नई दिल्ली: कनाडा के आतंकियों शरणस्थली बने होने की वजह से आजकल भारत और कनाडा के आपसी संबंध ठीक नहीं हैं। मामला सुलझता भी नजर नहीं आ रहा और ऐसे में भारत को खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है। भारत कनाडा से दालें, अखबारी कागज, लकड़ी का गूदा, एस्बेस्टस, पोटाश, लौह स्क्रैप, तांबा, धातु और औद्योगिक रसायन आयात करता है। 2016 से कनाडा के कुल दाल निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 29 प्रतिशत रही है। इसके अलावा नकली आभूषण, बासमती चावल, चाय, गुड़, गेहूं आदि पंजाबी मूल के लोगों द्वारा पसंद किए जाने वाले खाद्य पदार्थ भी यहां से निर्यात किए जाते हैं। इससे भी बड़ी बात एक यह भी ध्यान देने वाली है कि कनाडा में ट्रांसपोर्ट से लेकर खेती तक लगभग हर क्षेत्र में पंजाबियों का दबदबा है। इतना ही नहीं पंजाब की कई हस्तियां कनाडा की नागरिक भी और उच्च पदों पर भी आसीन हैं।

  • कनाडा जाने वाले पहले सिख थे 1897 में महारानी विक्टोरिया ने हीरक जयंती समारोह में शामिल ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की टुकड़ी को कमान कर रहे मेजर केसर सिंह
  • 2021 की जनगणना के अनुसार कनाडा में 7 लाख 70 हजार यानि कुल आबादी का करीब दो प्रतिशत सिख हर फील्ड में रखते हैं वर्चस्व

इस बात में कोई दो राय नहीं कि भारत और कनाडा के बीच विदेश नीति, व्यापार, निवेश, वित्त और ऊर्जा मुद्दों पर बहुस्तरीय बातचीत के माध्यम से रणनीतिक साझेदारी स्थापित की गई है। 2021 की जनगणना के अनुसार कनाडा में 770,000 सिख हैं, यानि वहां की आबादी का करीब दो प्रतिशत। ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच खटास बढ़ती है तो निश्चित तौर पर कारोबारियों को ज्यादा नुकसान होगा। अब बात आती है कनाडा में भारतीयों के रच-बस जाने के पीछे की कहानी की। यह अपने आप में बेहद रोचक पहलू है।

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1897 में महारानी विक्टोरिया ने हीरक जयंती समारोह में भाग लेने के लिए ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की एक टुकड़ी को लंदन में आमंत्रित किया। उस समय घुड़सवार सैनिकों की एक कंपनी भारत की रानी के साथ ब्रिटिश कोलंबिया जा रही थी, जिसका नेतृत्व रिसालदार मेजर केसर सिंह ने किया था। वह कनाडा जाने वाले पहले सिख थे। बाद में उन्होंने कुछ अन्य सैनिकों के साथ कनाडा में रहने का फैसला किया। उन्होंने ब्रिटिश कोलंबिया को अपना घर बना लिया। यहीं से सिखों के भारत से कनाडा प्रवास की प्रक्रिया शुरू हुई, जिन्होंने कनाडा की राजनीति और व्यापार में अपनी पहचान बनाई।

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कनाडाई लेखक बस्सी ने कहा-मिट्टी से जुड़े पंजाबी

कनाडा और भारत के बीच बिगड़ते संबंधों को लेकर चिंतित होना स्वाभाविक है, लेकिन पंजाबी मूल के लोगों की खासियत यह है कि वे अपनी मिट्टी से जुड़े होते हैं। वरिष्ठ कनाडाई लेखक जोगिंदर बस्सी का कहना है कि विदेश नीति, व्यापार, निवेश, वित्त और ऊर्जा मुद्दों पर विभिन्न मंत्री स्तरीय वार्ता के माध्यम से भारत और कनाडा के बीच एक रणनीतिक साझेदारी स्थापित की गई है। आतंकवाद-निरोध, सुरक्षा, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र में भी दोनों देशों के बीच सहयोग जारी है।

कनाडा में पंजाबियों की आवाज

राजोत ओबेरॉय, संदीप सिंह बराड़, शीना अलंगर कनाडा के प्रसिद्ध शिक्षाविद् हैं। डॉ. रंजन एक प्रसिद्ध रोगविज्ञानी हैं। जसवन्त दास, बलजीत सिंह चड्ढा, हरबंस सिंह डोमन, जसपाल अटवाल और भाटिया वहाँ के प्रसिद्ध उद्योगपति और व्यवसायी हैं। जसवंत दास मूल रूप से जालंधर के रहने वाले हैं और वर्तमान में टोरंटो में एक प्रतिष्ठित व्यवसायी हैं, कारखानों के अलावा एक किराने की दुकान और एक हेलीकॉप्टर के मालिक हैं। हरपाल सिंह संधू स्वीट समोसा फैक्ट्री के संचालक हैं, जिनके समोसे तैयार कर पूरे कनाडा और अमेरिका में भेजे जाते हैं। कनाडा के टोरंटो में उनका नाम पहली पंक्ति में लिया जाता है।

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हरजीत सिंह सज्जन रक्षा मंत्री रह चुके हैं

विकास खन्ना एक प्रसिद्ध शेफ और रेस्तरां मालिक हैं, मनजीत सिंह एक टीवी अभिनेता हैं, जबकि रूपानी सिंह एक उद्यमी हैं। वह वहां वैक्स म्यूजियम बनवा रही हैं। पंजाबी फिल्म अभिनेत्री नीरू बाजवा और तरुणपाल भी यहीं से हैं। उपन्यासकार गुरजिंदर, रानी धारीवाल और हास्य कलाकार लिली सिंह भी प्रसिद्ध कलाकार हैं। कनाडा की संसद और विधानसभा में भी सिख सदस्य हैं।

होशियारपुर मूल के हरजीत सिंह सज्जन कनाडा के रक्षामंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा वहां के खिलाड़ियों का खेल के क्षेत्र में अहम स्थान है। इनमें नवराज सिंह बस्सी से लेकर खैहरा सिंह भुल्लर तक शामिल हैं। कनाडा में चार बार संसद सदस्य रहे नवदीप बैंस नवप्रवर्तन, विज्ञान और आर्थिक विकास मंत्री रह चुके हैं। टिम उप्पल और अमरजीत सोही भी मंत्री रह चुके हैं। बरदीश चागर वर्तमान मंत्री हैं। पंजाबी मूल की रचना सिंह और मिसिसॉगा की नीना तंगरी भी बीसी में मंत्री हैं।

पंजाब के लोग मेहनती हैं: हरपाल सिंह

कनाडा में रह रहे हरपाल सिंह संधू ने कहा कि अब पंजाबियों ने कनाडा में काफी प्रगति की है। पंजाबी मूल के लोगों के बिना कनाडा में व्यापार की कल्पना नहीं की जा सकती। पंजाब के लोग मेहनती हैं और परिणामस्वरूप परिवहन से लेकर कृषि तक हर चीज पर पंजाबी लोगों का वर्चस्व है।

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Written By

Balraj Singh

First published on: Sep 23, 2023 09:08 PM
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