UN Report on Gaza: गाजा में हालात बद से बदतर हो गए हैं। 7 अक्टूबर 2023 इजरायल और हमास में छिड़ी जंग के बाद गाजा में लोगों की जिंदगी नरक बन गई है। संयुक्त राष्ट्र संघ की रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि भुखमरी, बीमारी, विस्थापन और हिंसा ने गाजा को मानवीय आपदा के कगार पर लाकर खड़ा किया है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (UNICIF) ने X पर पोस्ट लिखकर बताया कि गाजा में मानवीय संकट इतना गहरा गया है कि हर रोज 28 बच्चे भूखे-प्यासे मर रहे हैं।
बमबारी में, इलाज और दवाइयों के अभाव में जान गंवा रहे हैं। 7 अक्टूबर 2023 को जब हमास ने साउथ इजरायल पर हमला किया था, तब से अब तक गाजा में 18000 से ज्यादा बच्चे मारे जा चुके हैं। हर एक घंटे में एक बच्चा मर रहा है। 60933 फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। 2 मार्च से इजरायल ने गाजा के लोगों के लिए बॉर्डर भी बंद कर दिया है। ऐसे में लोग भूख और प्यास के मारे भटक रहे हैं। गाजा में खाने, पानी के अलावा दवाइयों का अभाव भी हो गया है।’
Death by bombardments.
— UNICEF (@UNICEF) August 4, 2025
Death by malnutrition and starvation.
Death by lack of aid and vital services.
In Gaza, an average of 28 children a day – the size of a classroom – have been killed.
Gaza's children need food, water, medicine and protection. More than anything, they need a… pic.twitter.com/7QIQQ6IAoG
गाजा में 5 लाख लोग भुखमरी का शिकार
बता दें कि गाजा में भुखमरी फैलने का खतरा मंडरा गया है। गाजा की आबादी करीब 23 लाख है, जो आजकल खाने, पानी का संकट झेल रही है। विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) और संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट्स के अनुसार, 5 लाख से ज्यादा लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बुजुर्ग कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। इजरायल ने नाकाबंदी करके गाजा की खाद्य आपूर्ति रोक दी है।
जनवरी 2025 में 2 महीने का अस्थायी युद्धविराम हुआ था। उसके बाद मार्च में नाकाबंदी हुई और सैन्य हमलों से गाजा की स्थिति और ज्यादा बिगड़ गई। 50 से 140 ट्रक ही सहायता सामग्री लेकर गाजा पहुंच रहे हैं, जबकि जरूरत 300 ट्रकों की है। गाजा में अब पानी और साफ-सफाई का भी अभाव है। लोग प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे डायरिया, पीलिया और पोलियो जैसी बीमारियां फैल रही हैं।
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गाजा में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहराया
गाजा में स्वास्थ्य सेवाएं खत्म हो गई हैं। इजरायल के हमले में अस्पताल ध्वस्त हो गए हैं। गाजा में 36 अस्पताल थे, जिनमें से 19 बंद हो गए हैं और इनमें से भी कुछ ध्वस्त हो गए हैं। बाकी बचे अस्पताल भी बंद होने की कगार पर हैं। दवाइयों की कमी ने स्वास्थ्य सेवाओं को और ज्यादा ठप कर दिया है। गाजा में मेडिकल अफसरों, डॉक्टरों और नर्सों की कमी हो गई है। सैन्य हमले में 986 स्वास्थ्यकर्मी मारे जा चुके हैं।
रफाह शहर में रेडक्रॉस का फील्ड अस्पताल खुला है, लेकिन दवाइयों और जरूरी चीजों की कमी से यह भी बंद होने के कगार पर है। गाजा की 90% आबादी यानी करीब 19 लाख लोग बेघर हो चुके हैं। वे तंबुओं, कारों या खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। 70% घर, 80% बिजनेस, 65% सड़कें और 95% स्कूल ध्वस्त हो चुके हैं। 625000 बच्चों का स्कूल छूट गया है। सैन्य हमले में 10301 स्टूडेंट्स और 416 टीचर्स मारे जा चुके हैं।
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जनवरी में हुआ युद्धविराम मार्च में टूटा
बता दें कि जनवरी 2025 में इजरायल और हमास में युद्धविराम हुआ था, जो मार्च 2025 में टूट गया। संयुक्त राष्ट्र संघ, रेड क्रॉस और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन तत्काल युद्धविराम की अपील कर रहे हैं। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इजरायल पर गाजा में नरसंहार करने का आरोप लगाया है। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप कहते हैं कि गाजा रहने लायक जगह नहीं है। इसलिए गाजा को लेकर अपनी मर्जी से छोड़ दें तो बेहतर होगा।
UK, फ्रांस और कनाडा सितंबर 2025 तक फिलिस्तीनी को मान्यता देने की योजना बना रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) इजरायल और हमास के युद्ध की जांच कर रहा है।