वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को लेकर पूरे देश में सियासी घमासान मचा हुआ है। बिहार भी इससे परे नहीं है। बिहार में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में विपक्ष भी वक्फ बिल के मद्दे पर बिहार सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है। मगर सवाल यह है कि वक्फ बिल का आगामी चुनाव पर क्या असर होगा? क्या वक्फ बिल को समर्थन देना JDU को भारी पड़ेगा? क्या JDU को चुनाव में मुसलमानों की नाराजगी उठानी पड़ सकती है?
2020 में बदले आंकड़े
न्यूज 24 के वरिष्ठ पत्रकार राजीव रंजन की मानें तो नीतीश कुमार की छवि हमेशा से एक सेक्यूलर नेता की रही है। बिहार की सियासत में एंट्री करने से लेकर लालू यादव के साथ सरकार बनाने, केंद्रीय मंत्री बनने और बीजेपी के साथ गठबंधन में आने के बावजूद उनकी सेक्यूलर नेता वाली छवि पर असर नहीं पड़ा। 2015 तक ठीक-ठाक संख्या में नीतीश की पार्टी से मुस्लिम विधायकों ने जीत हासिल की। हालांकि 2020 में JDU ने 11 सीटों पर मुस्लिमों को टिकट दिया और सभी सीटें हार गए। वहीं बिहार के कुछ मुस्लिम बहुल इलाकों में AIMIM के 5 विधायकों ने जीत हासिल कर ली।
बिहार की मुस्लिम बहुल सीटें
आगामी चुनाव की बात करें तो बिहार की 47 सीटों पर मुस्लिमों का प्रभाव है। 18 सीटों पर मुस्लिम आबादी 30-60 फीसदी तक है। वर्तमान में वक्फ बिल को लेकर देश में जिस तरह सियासत गर्म है, उन परिस्थितियों में मुसलमान एक तरफ जाता दिखाई दे रहा है। वीडियो में देखें पूरा विश्लेषण…