Krittika Nakshatra: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में जितना महत्व राशि और ग्रहों का है, उतने ही महत्वपूर्ण नक्षत्र भी हैं। कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिनमें तीसरा स्थान कृत्तिका नक्षत्र को प्राप्त है। ग्रहों के राजा सूर्य कृत्तिका नक्षत्र के स्वामी हैं। ऐसे में इनके ऊपर सूर्य की विशेष कृपा रहती है। यदि ये लोग नियमित रूप से सूर्य देव की पूजा करते हैं तो इनके मुखमंडल का तेज और आभा मंडल का विस्तार होता है। इसके अलावा सूर्य कृपा से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है और आत्मविश्वास बढ़ता है। शास्त्रों में बताया गया है कि जिन लोगों का जन्म कृत्तिका नक्षत्र में होता है, उनका भाग्योदय 29 वर्ष की आयु के बाद होता है।
इस नक्षत्र में जन्मे लोगों को यदि कोई बीमारी होती है, तो उसके 9 दिन, 10 दिन या 21 दिन में ठीक होने की संभावना ज्यादा होती है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कृत्तिका नक्षत्र में जन्मे लोगों को सुखी जीवन के लिए कौन-कौन से उपाय करने चाहिए तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को जरूर देखें।
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