कर्मफल दाता शनि का ज्योतिष शास्त्र में खास महत्व है। नवग्रहों में शनि एक ऐसा ग्रह है जो सबसे लंबी अवधि के दौरान किसी भी राशि में विराजमान रहते हैं। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, 29 मार्च 2025 को देर रात 11 बजकर 01 मिनट पर शनि ने मीन राशि में गोचर किया था। इससे कुछ राशियों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या शुरू हो गई है। शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव लगभग साढ़े सात साल तक रहता है, जबकि ढैय्या के दौरान व्यक्ति को ढाई साल तक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस समय मेष राशि पर साढ़ेसाती का पहला चरण चल रहा है। जबकि कुंभ राशि पर तीसरा और मीन राशि पर दूसरा चरण चल रहा है। इसके अलावा सिंह और धनु राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। जबकि 2025 में कर्क और वृश्चिक राशि वालों को ढैय्या से मुक्ति मिली है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के दौरान यदि व्यक्ति कोई उपाय करता है तो उसे शनि के अशुभ प्रभाव का सामना नहीं करना पड़ता है।
आज डॉ. श्रीपति त्रिपाठी आपको शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या में करने वाले अचूक उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं। यदि आप जानना चाहते हैं उन उपायों के बारे में तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।