Video: राहुल गांधी ने हाल ही में एक लोकसभा में केंद्र सरकार की मेक इन इंडिया पॉलिसी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आईफोन से लेकर टीवी तक के पुर्जे विदेश से खरीदे जाते हैं और हम यहां बस उन्हें जोड़ते हैं। तो क्या यही है Make in India? वह कहते हैं कि यह मेक इन इंडिया है या फिर जस्ट असेंबल इन इंडिया है। पुर्जों को जोड़ना निर्माण नहीं होता है। देश में अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स के पुर्जे चीन से इंपोर्ट किए जा रहे हैं, जिन्हें यहां फैक्ट्रियों में जोड़ा जाता है।
कैसे आत्मनिर्भर बना देश?
राहुल गांधी के मुताबिक, सरकार मेक इन इंडिया को क्रांतिकारी और ऐतिहासिक कदम बताती है, जिसका उद्देश्य भारत की मैन्युफैक्चरिंग पॉवर को बढ़ाकर उसे हब बनाना है। मगर असल में देश के अंदर निर्माण के बजाय, भारत सिर्फ असेंबल करने का काम कर रहा है। इससे न तो नई तकनीक आती है और न ही असली इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट हो रहा है। मेक इन इंडिया सिर्फ भाषणों का हिस्सा है, इसका जमीनी स्तर पर कोई काम नहीं दिख रहा है। वीडियो के जरिए जानें पूरी बात…
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