कथावाचक अनिरुद्धाचार्य वैसे तो मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले हैं, लेकिन उनकी वो परिवार के साथ वृंदावन में रहते हैं। यहां उनका बहुत बड़ा साम्राज्य है। इसकी कीमत भी करोड़ों में है। कथावाचक देश-विदेश में कथा करके पैसा कमाते हैं।
बताया जाता है कि कथावाचक अनिरुद्धाचार्य 17 या 18 साल की उम्र में वृंदावन पढ़ने के लिए आए थे। इसके बाद वृंदावन में ही रहने लगे। फिर उन्होंने करीब 8 साल पहले एक वृंदावन में ही एक जमीन पर अपना आश्रम खोला। कुछ समय उसके बराबर वाली जमीन पर दूसरा आश्रम खोल दिया। बताते हैं कुछ समय बाद उसी के पास कई बीघे जमीन पर गौशाला बनाई। इसके बाद फरवरी 2025 में गौरी गोपाल वृद्धा आश्रम बनाकर तैयार किया है।
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के घर में 2009 में पहली बार टीवी आया था। जबकि 2025 में उनके पास वृंदावन में इतनी संपत्ति है जिनका हिसाब-किताब उनके पास नहीं है। बताया जाता है कि गौरी गोपाल वृद्धा आश्रम में 100 से ज्यादा लोग रहते हैं। यहां हर समय भंडारा चलता रहता है। वहां लोगों को आना जाना भी लगा रहता है। बताया जाता है कि वृंदावन के अलावा भी कई दूसरी जगहों पर उनकी संपत्ति बताई जाती है।