केतु को एक छाया ग्रह माना जाता है, जो करीब 18 माह तक प्रत्येक राशि में विराजमान रहते हैं। इस साल 18 मई 2025 को दोपहर 4 बजकर 30 मिनट पर केतु ने सिंह राशि में गोचर किया है, जहां पर वह 5 दिसंबर 2026 तक रहेंगे। राशि परिवर्तन के साथ केतु का नक्षत्र गोचर भी हुआ है। 18 मई 2025 को दोपहर 4 बजकर 30 मिनट पर केतु ने उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में गोचर किया है। केतु का ये गोचर तुला राशिवालों के एकादश (11वें) भाव में हुआ है।
ज्योतिष की मानें तो 11वें भाव में केतु का गोचर शुभ फल देता है। इस भाव का संबंध लाभ, इच्छाओं की पूर्ति, आय, दोस्ती, सुख-सुविधा, सामाजिक समर्थन और संसाधनों से है। प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय बताते हैं कि तुला राशिवालों के लिए केतु का ये गोचर शुभ होगा। गोचर के दौरान तुला राशिवालों की आमदनी बढ़ सकती है। जो लोग नौकरी कर रहे हैं, उन्हें कार्यक्षेत्र में सहकर्मियों का सहयोग प्राप्त होगा। समझदारी से लिए गए फैसलों के कारण लाभ होगा। कुछ नया करने के लिए भी आप प्रोत्साहित होंगे।
हालांकि रिश्तों के लिहाज से केतु का ये गोचर तुला राशिवालों के लिए अच्छा नहीं रहने वाला है। यदि आप जानना चाहते हैं कि केतु गोचर के दौरान तुला राशि के जातकों को किन-किन बातों पर खास ध्यान देने की जरूरत है तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।