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Kaalchakra: कुंडली में योगिनी दशा का 12 राशियों पर क्या असर? पंडित सुरेश पांडेय से जानें महाउपाय

Kaalchakra News24 Today: कुंडली में मौजूद योगिनी दशा की मदद से प्रत्येक व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बातों के बारे में पता किया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कुंडली में योगिनी दशा का क्या महत्व होता है और कैसे आप इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jun 2, 2024 10:15
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पंडित सुरेश पांडेय (Kaalchakra News24 Today): वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर एक व्यक्ति की कुंडली में योगिनी दशा का विशेष महत्व होता है। योगिनी दशा का निर्माण स्वयं शिव जी ने किया है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में योगिनी दशा का अच्छा और बुरा दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है, जिसका असर कम से कम 36 साल तक रहता है। योगिनी दशा कुल आठ प्रकार की होती हैं। जो हैं मंगला, धान्या, पिंगला, भ्रामरी, उल्का, भद्रिका, संकटा और सिद्ध। जब व्यक्ति की कुंडली में मंगला दशा का निर्माण होता है, तो उसे जीवन में अपार सफलता मिलती है। वहीं पिंगला दशा के प्रभाव से धन हानि हो सकती है। इसके अलावा मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है।

आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताएंगे कि योगिनी दशा का प्रभाव 12 राशियों के जीवन पर कब और कैसे पड़ता। अगर आप भी जानना चाहते हैं योगिनी दशाओं के महाउपाय के बारे में, तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।

ये भी पढ़ें- Kaalchakra: जून में किसको होगा मुनाफा और कौन सहेगा घाटा? जानें पंडित सुरेश पांडेय से

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 02, 2024 10:15 AM

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