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Video: कुंडली के इस भाव में केतु का होना है शुभ, पद-प्रतिष्ठा और धन-संपत्ति का मिलता है सुख

Ketu Grah Effect: केतु, नवग्रहों का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका अचानक होने वाली घटनाओं से संबंध होता है। चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं कि कुंडली के किस भाव में केतु के विराजमान होने से व्यक्ति को लाभ होता है।

Written By : News24 हिंदी | Edited By : Nidhi Jain | Updated: Jul 26, 2025 13:22
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Ketu Grah Effect: केतु एक छाया ग्रह है, जिसे आमतौर पर अशुभ माना जाता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग केतु से डरते हैं क्योंकि इसका नकारात्मक प्रभाव जीवन पर बहुत ही लंबे समय तक पड़ता है। लेकिन ये सच नहीं है। कुछ-कुछ परिस्थितियों में केतु का शुभ प्रभाव भी लोगों के जीवन पर पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली के तीसरे, छठवें और 11वें भाव में केतु स्थित होता है, उन्हें उससे लाभ होता है।

केतु की कृपा से व्यक्ति को न तो पैसों की कमी होती है और न ही वो शारीरिक रूप से कमजोर महसूस करता है। इसके अलावा समाज में नाम भी होता है। यदि आप जानना चाहते हैं कि कुंडली के पहले भाव में केतु ग्रह के विराजमान होने पर लोगों के जीवन पर कैसा प्रभाव पड़ता है तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

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News24 हिंदी

First published on: Jul 26, 2025 01:22 PM

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