चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. अरुणाचल प्रदेश पर दावा जताने के बाद अब वह तिब्बत में 167 अरब डॉलर की लागत से यासक्सिया हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट बना रहा है. पांच पावर स्टेशन वाले इस प्रोजेक्ट से उतनी बिजली पैदा होगी जो थ्री गार्जेस डैम से तीन गुनी ज्यादा होगी. रक्षा विशेषज्ञों की मानें तो चीन इस बांध को वाटर बंप की तरह इस्तेमाल कर सकता है. कभी अचानक बाढ़ छोड़कर तो कभी कृत्रिम सूखा लाकर भारत में तबाही मचाने की कोशिश कर सकता है. चीन के मंसूबों को देखते हुए भारत ने भी कड़ा कदम उठा लिया है.
अरुणाचल प्रदेश में 280 मीटर ऊंचा बांध बनाने की तैयारी हो रही है. यह बांध देश का सबसे बड़ा बांध होगा और इसमें पानी को इस तरह से नियंत्रित करने की क्षमता होगी कि चीन की किसी भी हरकत का सामना किया जा सके. अगर भारत के नए प्लान की बात करें तो यह बांध 4 मिलियन ओलंपिक पूल जितना पानी रोक सकेगा. चीन के बांध से पैदा खतरे को यह आसानी से टाल सकेगा. भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. प्रस्तावित प्रोजेक्ट से 11,200 या 11,600 मेगावाट बिजली बनेगी. यह देश का सबसे बड़ा और शक्तिशाली बांध होगा.