Batenge to Katenge Statement Controversy: जब भी चुनावी मौसम आता है तो सियासत धर्म और जाति के नाम पर बंट जाती है। नेता लोगों के बीच जाकर धर्म और जाति की राजनीति करते हुए वोट मांगते हैं। इस चक्कर में अकसर नेताओं की जुबान फिसल जाती है और वे ऐसी बात कह जाते हैं, जिससे बवाल हो जाता है। उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में आजकल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऐसे ही एक बयान की चर्चा है। इस बयान को लेकर सियासत गरमाई हुई है। एक ओर जहां इस बयान पर जहां सियासी दिग्गज अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं, वहीं RSS ने इस बयान का खुलकर समर्थन किया है।
अगस्त 2024 जन्माष्टमी के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि बंटेंगे तो कटेंगे, इसलिए सावधान रहो। विपक्षी दलों पर इस बयान पर हंगामा किया। अब RSS के सरकार्यवाहक दत्तात्रेय होसबोले कहते हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे की विचारधार को अपने आचरण में शामिल करनाचाहिए। लोक कल्याण के लिए इसकी जरूरत है, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या धर्म और जाति के नाम पर वोट मिलेंगे? क्या इस तरह के बयान से वोट बैंक बढ़ेगा? आइए राजीव रंजन से समझते हैं, इस तरह की राजनीति की गणित…