अगर आप भी पैसे की कमी के चलते लोन ले रहे हैं और आपको कम ब्याज में लोन मिल रहा है, तो कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी हो जाता है। ध्यान न देने के चलते कई बार हम किसी परेशानी में फंस जाते हैं, जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है। वहीं, यदि आप पर्सनल लोन लेना चाहते हैं, तो कुछ टिप्स के जरिए इसे कम इंटरेस्ट रेट पर ले सकते हैं, लेकिन सावधानी जरूर बरतें। इसके साथ ही लोन देते समय बैंक आपका क्रेडिट स्कोर भी देखते हैं। क्रेडिट स्कोर का मतलब है कि आपने कोई लोन लिया है, तो उसका रीपेमेंट पैटर्न कैसा रहा है।
क्रेडिट स्कोर
आपका क्रेडिट स्कोर इंटरेस्ट रेट को प्रभावित कर सकता है। इसके लिए 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है और इससे आपको कम इंटरेस्ट रेट पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अपना स्कोर सुधारने के लिए, अपनी क्रेडिट रिपोर्ट में नियमित रूप से गलतियों को चेक करें और उन्हें सुधारें। अपने सभी क्रेडिट कार्ड पर अपने क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को 30 प्रतिशत से कम रखें और अपने सभी लोन और बिलों का समय पर भुगतान करें।
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डेट-टू-इनकम रेश्यो को कम करें
आपका डेब्ट-टू-इनकम रेश्यो (DTI) रेश्यो दर्शाता है कि आपकी इनकम का कितना हिस्सा पहले से ही कर्ज चुकाने में जा रहा है। कम DTI रेश्यो से पता चलता है कि आप फाइनेंशियली बहुत ज्यादा खर्च नहीं कर रहे हैं और एडीशनल डेट को हैंडल कर सकते हैं। अपने DTI को कम करने के लिए पहले हाई-इंटरेस्ट वाले लोन चुकाने पर फोकस करें।
अच्छी रीपेमेंट हिस्ट्री करें मेंटेन
लेंडर्स आपके लोन चुकाने की काबिलियत समझने के लिए आपके पिछले रीपेमेंट बिहेवियर को देखते हैं। EMI और क्रेडिट कार्ड बैलेंस के समय पर पेमेंट के साथ एक अच्छी रीपेमेंट हिस्ट्री लेंडर्स का आप पर भरोसा बनाने में मदद करती है। लगातार अपने EMI का समय पर पेमेंट करने से न केवल आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ता है, बल्कि ये फाइनेंशियल डिसिप्लिन को भी दिखाता है।
निगोशिएट करें
लोन लेते समय जो पहला ऑफर आपको मिले उसे को स्वीकार न करें। अलग-अलग लेंडर्स अलग-अलग इंटरेस्ट रेट ऑफर को देख सकते हैं। इसलिए पहले लोन ऑप्शन की तुलना करें। इसके लिए ऑनलाइन टूल और फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म आपको अलग-अलग लैंडर की इंटरेस्ट रेट की तुलना करने में मदद कर सकते हैं। लैंडर के साथ निगोशिएट करने में सोचे नहीं।
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