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दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन के विस्तार को मिली हरी झंडी, जानें क्या मिलेगा फायदा

Delhi Metro Update: येलो लाइन के विस्तार की घोषणा से सोनीपत और नरेला जैसे पड़ोसी क्षेत्रों में रियल एस्टेट कारोबार में अप्रत्याशित वृद्धि होने की उम्मीद है। इसके साथ ही दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर काम शुरू करने के लिए तैयार है।

Author Edited By : Shivani Jha Updated: May 16, 2025 09:07
Delhi Metro Update
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Delhi Metro Update: आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoHUA) ने दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन को समयपुर बादली से नाथूपुर होते हुए सोनीपत तक विस्तारित करने की योजना को मंजूरी दे दी है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) अब जल्द ही विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) पर काम शुरू करने के लिए तैयार है। इससे आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि कनेक्टिविटी किसी क्षेत्र के विकास के पीछे प्रमुख पहलुओं में से एक है।

क्या मिलेगा फायदा?

सोनीपत को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे और निर्माणाधीन रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम ( RRTS) के माध्यम से पहले से ही मजबूत कनेक्टिविटी का फायदा मिल रहा है। मेट्रो नेटवर्क के रणनीतिक जोड़ से मल्टी-मॉडल ट्रांजिट हब का निर्माण होगा, जो निवासियों के लिए रहने की क्षमता को काफी हद तक बढ़ाएगा। निजी वाहनों पर निर्भरता को कम करेगा और इसके परिणामस्वरूप किफायती लेकिन अच्छी तरह से जुड़े आवासों की तलाश करने वाले मिलेनियल होमबॉयर्स, कुशल आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थापना करने वाली लॉजिस्टिक्स फर्मों और एनसीआर के भीतर रणनीतिक स्थानों की तलाश करने वाले औद्योगिक डेवलपर्स के लिए शहर का आकर्षण बढ़ेगा।

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कौन से शहर हुए शामिल?

महत्वपूर्ण रूप से, रिठाला से नाथूपुर तक फैले 21 स्टेशनों को शामिल करते हुए प्रस्तावित 26.5 किलोमीटर का मेट्रो कॉरिडोर, रोहिणी और बवाना सहित प्रमुख आवासीय क्षेत्रों को नरेला और कुंडली जैसे  जरूरी औद्योगिक क्षेत्रों के साथ सहजता से एकीकृत करेगा। यह एकीकृत कनेक्टिविटी पूरे क्षेत्र में कार्यबल और माल के सुचारू प्रवाह की सुविधा प्रदान करेगी। आर्थिक दक्षता को बढ़ावा देगी और लॉजिस्टिक बाधाओं को कम करेगी, जिससे एक अधिक टिकाऊ और परस्पर जुड़े शहरों को भी फायदा मिलेगा।

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औद्योगिक को मिलेगा बढ़ावा

इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कोरिडोर ( DMIC) के तहत एक रणनीतिक औद्योगिक नोड के रूप में सोनीपत का उदय, लॉजिस्टिक्स पार्कों, वेयरहाउसिंग जोन और निर्यात-उन्मुख औद्योगिक क्लस्टरों के चल रहे विकास के साथ, श्रमिक आवास, सह-रहने की जगहों और वाणिज्यिक अचल संपत्ति के लिए जरूरी मांग पैदा करने की संभावना है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को और ज्यादा ऊर्जा मिलेगी और एनसीआर के भीतर अधिक विविध और लचीले शहरी इकोसिस्टम को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली मेट्रो का सोनीपत तक विस्तार एक बहुकेंद्रित और टिकाऊ शहरी क्षेत्र बनाने, दिल्ली के केंद्र पर दबाव कम करने और इसके आसपास के क्षेत्रों में आर्थिक विकास और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने की दिशा में एक जरूरी कदम है।

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First published on: May 16, 2025 09:07 AM

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