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Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात के लिए अमित शाह का ‘मास्टर प्लान’

कुमार गौरव,नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के एलान से पहले ही,चुनाव में भगवा फहराने और जीत सुनिश्चित करने के लिए अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमित शाह अपने मास्टर प्लान के जरिए गुजरात में बीजेपी की 27 साल की सरकार को एक बार फिर से सत्ता में […]

Author Edited By : Kumar Gaurav Updated: Oct 29, 2022 16:54
amit shah
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कुमार गौरव,नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव के एलान से पहले ही,चुनाव में भगवा फहराने और जीत सुनिश्चित करने के लिए अमित शाह ने मोर्चा संभाल लिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अमित शाह अपने मास्टर प्लान के जरिए गुजरात में बीजेपी की 27 साल की सरकार को एक बार फिर से सत्ता में लाने की तैयारी कर चुके है। मास्टर प्लान बीजेपी के दो तिहाई बहुमत हासिल करने के मिशन के साथ तैयार किया गया है ।

कैंडिडेट के चुनाव को अमित शाह अपने तरीके से अपनी नीति के अनुसार ही अंतिम रूप देंगे। अभी आखिरी तीन दिन से अमित शाह,तमाम विधानसभा सीटों के ऑब्जर्वर के साथ बैठक कर चुके हैं और हर सीट की रणनीति पर चर्चा कर चुके हैं। इसमें विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं और लोकल लोगों से आई फीड बैक पर गंभीर चर्चा हुई है । इस फीड बैक के आधार पर ही उम्मीदवारों के चयन में वरीयता दी जाएगी, जबकि नकारात्मक फीड बैक मिलने पर टिकट कटने की संभावना काफी बढ़ जाएगी।

इसके अलावा 27 साल की सत्ता विरोधी लहर को सकारात्मक करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। जिन विधायकों से ज्यादा नाराजगी है उनके टिकट काट दिए जायेंगे। इसके पीछे तर्क है कि वोट मोदी के नाम पर मिल रहा है न की विधायकों के बदौलत. सूत्र बताते हैं की लगभग 30 फीसदी विधायकों का टिकट कटना तय है।

अमित शाह के मास्टर प्लान में हर जोन के सिचुएशन के हिसाब से अलग रणनीति बनाई जा रही है । बीजेपी ने गुजरात को चार जोन में बांटा है, जिसमें से 3 जोन की बैठक अमित शाह ले चुके हैं. हर जोन के लिए अलग रणनीति होगी. बीजेपी बूथ जीतो, चुनाव जीतो के फॉर्मूले पर काम करेगी। माइक्रो मैनेजमेंट लेवल पर बीजेपी तैयारी काफी तेजी से चल रही है ,सबसे अधिक जोर पन्ना प्रमुख स्तर पर दिया जा रहा है।


जहां मुकाबला कड़ा है वहां ब्रांड मोदी का भरपूर इस्तेमाल होगा। पीएम मोदी की रैली और कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा ऐसे जगहों पर कराई जाएगी या अभी तक कराई गई है जहां मुकाबला कड़ा है। गुजरात की ऐसी 60 सीट चुनी गई हैं, जहां मुकाबला कड़ा है। इसके पीछे का तर्क है कि मोदी का गुजरात की जनता से एक पर्सनल टच लगातार बना रहता है। एक आम गुजराती मतदाता उनके बातों से सीधा प्रभावित होता है,ये बीजेपी मान कर चल रही है ।

इसके अलावा बीजेपी को लाभार्थी वोट बैंक पर भी फोकस है। उत्तर प्रदेश चुनाव में लाभार्थी सम्मेलन बड़े स्तर पर वोट में बदला था । बीजेपी को उम्मीद है कि भले ही गुजरात में पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को ग्रामीण इलाकों में ज्यादा वोट मिले थे लेकिन इस बार गांव का लाभार्थी वर्ग बीजेपी के साथ आयेगा । शाह के मास्टर प्लान में ये तय किया गया है कि केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के लाभार्थियों तक बीजेपी के लोग सीधे पहुंचेंगे। बीजेपी ने तय किया है की पार्टी के कार्यकर्ता केंद्र और राज्य सरकार के लाभार्थियों तक पहुंच कर बताएंगे की प्राप्त सुविधाओं ने आप के जीवन में क्या बदलाव लाया है।

शाह के मास्टर प्लान में प्रवासियों को साधने की भी रणनीति है । गुजरात एक ऐसा राज्य है जहां अलग-अलग राज्यों के लोग रोजी रोटी के लिए भारी संख्या में आकर रहते हैं।15 लाख राजस्थानी गुजरात में रहते हैं, इन्हें साधने के लिए बीजेपी ने राजस्थान के 150 नेताओं को गुजरात चुनाव में उतार दिया है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, बिहार, और महाराष्ट्र के प्रमुख बीजेपी नेताओं को भी गुजरात विधानसभा चुनाव में उतारा गया है ।

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First published on: Oct 29, 2022 04:54 PM

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