Viral Sadhvi Harsha Richhariya mother father reaction : महाकुंभ 2025 से कम वीडियो सामने आए हैं, जिसमें से एक वीडियो ‘वायरल साध्वी’ का भी है, जो केवल कुछ ही दिनों में चर्चित चेहरा बन गई है। वीडियो में हर्षा रिछारिया को साध्वी की वेशभूषा में देखा गया था। हालांकि बाद में उनकी पुरानी फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आईं। इसके बाद हर्षा को बहुत ट्रोल किया गया। बता दें कि हर्षा भोपाल में अपने माता-पिता के साथ रहती हैं। न्यूज 24 ने हर्षा रिछारिया के घर जाकर उनके माता-पिता से बात की।
हर्षा के पिता से बातचीत
इंटरव्यू के दौरान हर्षा के पिता दिनेश रिछारिया ने कहा कि उन पर साध्वी का टैग गलत लगाया गया है, वह साधारण परिवार की बच्ची हैं। हर्षा अपनी मां के बुटीक से बनाई गई ड्रैस ही पहनती हैं, चाहे वह किसी मॉडलिंग की हो या किसी एंकरिंग की। उनके माता-पिता ने यह भी कहा कि कपड़ों को लेकर बातें करना और साध्वी का टैग लगाना इन बातों से उन्हें दुख होता है। हर्षा के माता-पिता ने आगे बताया कि उन्होंने सामान्य गुरु दीक्षा ली है। हर्षा ने सन्यास या साध्वी की दीक्षा नहीं ली है। उनका झुकाव 10-11 साल की उम्र से ही आध्यात्म की तरफ था।
शादी करेंगी ‘वायरल साध्वी’
बातचीत के दौरान दिनेश रिछारिया ने कहा कि मैं प्राइवेट बस का कंडक्टर रहा हूं, मेरा जीवन बहुत संघर्ष के साथ बीता है। हर्षा ने इसे देखा है, इसलिए वह कम उम्र से मॉडलिंग और एंकरिंग कर घर के खर्चे में हाथ बटाने की कोशिश करती थी। अपनी बेटी की तारीफ करते हुए दिनेश ने कहा कि हर्षा को न किसी ने नाइट पार्टी में देखा, न किसी गलत जगह। वह अपना जन्मदिन मंदिर में ही मनाती हैं। आध्यात्म में जाने का उसका अपना फैसला है, हम उसे नहीं रोकते हैं।
हर्षा के पिता ने बताया कि हर्षा ने अपने पुराने वीडियो सोशल मीडिया से नहीं हटाए क्योंकि वह युवाओं को बताना चाहती हैं कि आध्यात्मिक रास्ता सही रास्ता है। आगे उन्होंने बताया कि हर्षा की शादी की बात चल रही है, इस साल या फिर अगले साल तक कर देंगे।
‘सुंदर साध्वी’ सुनकर बुरा लगा
हर्षा की माता ने बताया कि जब उन्हें सुंदर साध्वी कहकर बुलाया गया तो इसे सुनकर उन्हें बुरा लगा। उन्होंने कहा कि सुंदर साध्वी सुनकर तो सही नहीं लगा, लेकिन बेटी है तो सुंदर। विश्व सुंदरी सुनकर अच्छा लगा, लेकिन वह साध्वी नहीं हैं, ये मुझे पता है। उनकी मां ने ये भी कहा कि पूजा-पाठ करना अलग बात है, लेकिन उन्हें साध्वी नहीं बनना चाहिए। एक ही बेटी है, इसलिए घर-परिवार न त्यागे।
हर्षा की मां ने कहा कि हर्षा की हर ड्रेस मैं ही तैयार करती हूं। अभी भी जो महाकुंभ में हर्षा ने जो ड्रेस (धोती-कुर्ता) पहनी है, वह मैंने ही डिजाइन की है। आगे उन्होंने कहा कि लोग हर्षा को ट्रॉल कर रहे हैं, बुरा लगता है, लेकिन वह आध्यात्म से जुड़ी हैं, ये सही है।
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