---विज्ञापन---

ट्रेंडिंग

उत्तराखंड में जहां बर्फ के नीचे दबे 55 मजदूर, वहां ऐसे बच निकलने 2 हजार ग्रामीण

Uttarakhand Avalanche 2025 : उत्तराखंड के माणा गांव में हिमस्खलन से BRO के 55 मजदूर फंस गए, 47 को बचा लिया गया जबकि 8 की तलाश जारी है। लेकिन गांव के 2 हजार लोग कैसे सुरक्षित रहे?

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Mar 1, 2025 14:36

Uttarakhand Avalanche 2025 : उत्तराखंड के माणा गांव में प्राकृतिक आपदा आई। इस आपदा में BRO के 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 47 को बचा लिया गया है और 8 की तलाश अभी भी जारी है। हालांकि, जिस जगह हिमस्खलन हुआ, उस इलाके में करीब 2 हजार लोग रहते हैं, लेकिन ये सभी बच गए। आखिर कैसे इन ग्रामीणों और स्थानीय लोगों की जान बची?

शुक्रवार की सुबह हिमस्खलन ने माणा-घस्तोली मार्ग को तबाह कर दिया। इलाका सूनसान हो गया, हर तरफ सिर्फ तबाही के मंजर थे। हालांकि, इस आपदा में एक भी ग्रामीण को कुछ नहीं हुआ क्योंकि सभी पहले से ही पलायन कर चुके थे। यह पलायन कोई पहली बार नहीं था बल्कि यह ग्रामीणों की सदियों से चली आ रही एक परंपरा है। यह उनके जीवन का एक हिस्सा है।

---विज्ञापन---

हिमालय को भी चाहिए सम्मान

कहते हैं कि हिमालय सम्मान की मांग करता है, और माणा के लोग बहुत पहले से जानते हैं कि कब पीछे हटना है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, माणा गांव के मुखिया पीतांबर मोल्फा ने कहा, “हम भाग्यशाली हैं कि हम निचले स्थानों पर चले गए थे, वरना कई लोग फंस जाते।”

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होते ही पलायन 

माणा गांव के लोग हर साल नवंबर में बद्रीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के बाद ठंड से बचने के लिए पलायन कर जाते हैं। वे चमोली जिले के गोपेश्वर, ज्योतिर्मठ और झिंकवान में रहकर जीवन यापन करते हैं। बद्रीनाथ यात्रा शुरू होने के साथ या इससे पहले ही वे अपने गांव लौटते हैं। मोल्फा का कहना है कि फरवरी और मार्च में यहां हिमस्खलन होना आम बात होती है।

यह भी पढ़ें : 6 फीट बर्फ के नीचे अभी भी दबे 8 मजदूर, 47 बचाए गए; बचाव अभियान जारी

माणा में संदीप असवाल एक चाय की दुकान चलाते हैं। उनकी दुकान पहले ‘देश की आखिरी चाय की दुकान’ मानी जाती थी, लेकिन अब ‘पहली चाय की दुकान’ के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने बताया कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। गांव खाली है, इसलिए हमारे पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि हिमस्खलन से उनके क्षेत्र में तबाही मची है या नहीं। हालांकि, ये लोग खुश हैं क्योंकि इस आपदा से पहले ही सभी परिवारों ने पलायन कर लिया था। यहां करीब 400 परिवार रहते हैं।

HISTORY

Edited By

Avinash Tiwari

First published on: Mar 01, 2025 02:36 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें