Whale Vomit Price: ‘उल्टी’ शब्द सुनते ही मन खराब हो जाता है। कुछ लोग यदि किसी को उल्टी करते देख लेते हैं, तो उन्हें खुद उल्टी होने लगती है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे जीव की उल्टी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसकी कीमत करोड़ों में है। इस जीव की उल्टी खरीदने के लिए तय कीमत से कई गुना ज्यादा दाम चुकाने के लिए लोग तैयार हो जाते हैं। हम बात कर रहे हैं व्हेल की उल्टी के बारे में।
हाल ही में ठाणे क्राइम ब्रांच की इकाई ने व्हेल मछली की उल्टी की तस्करी करने वाले गिरोह को पकड़ा है, जिनके पास 5.6 किलोग्राम व्हेल की उल्टी थी, जिसकी कीमत 6.20 करोड़ रुपये के आसपास आंकी जा रही है। इससे पहले साल 2020 में भी थाईलैंड के मछुआरों को 100 किलो व्हेल की उल्टी मिली थी, जिसकी कीमत उस वक्त 22 करोड़ रुपये आंकी गई थी। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि व्हेल की उल्टी में ऐसा क्या है, जिसके कारण इसकी इतनी मांग है। चलिए जानते हैं व्हेल की उल्टी का इस्तेमाल किन-किन चीजों को बनाने के लिए किया जाता है।
किस रंग की होती है ‘व्हेल की उल्टी’
जानकारों के अनुसार, व्हेल समुद्र में तरह-तरह की चीजों का सेवन करती है। जो चीजें उसका शरीर पचा नहीं पाता है, वो उल्टी के रूप में उसके मुंह से निकल जाता है, जिसे एम्बरग्रीस कहा जाता है। एम्बरग्रीस यानी व्हेल की उल्टी दिखने में ठोस मोम के पत्थर की तरह होती है, जिसका रंग स्लेटी या काला होता है। एम्बरग्रीस इस वजह से लाखों में बिकती है, क्योंकि इसका इस्तेमाल परफ्यूम व दवाइयां बनाने वाली बड़ी-बड़ी कंपनियां करती हैं।
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करोड़ों में क्यों बिकती है ‘व्हेल की उल्टी’?
वैसे तो व्हेल की उल्टी से बहुत बदबू आती है, लेकिन कुछ समय बाद वो कम हो जाती है। परफ्यूम में एम्बरग्रीस का इस्तेमाल करने से उसकी खुशबू लंबे समय तक टिकी रहती है। इसी वजह से कई कंपनियां व्हेल मछली की उल्टी के ऊंचे दाम देने के लिए तैयार हो जाती हैं।
परफ्यूम के अलावा कई दवाइयों में भी व्हेल मछली की उल्टी का इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर पर यौन संबंधित परेशानियों से छुटकारा पाने वाली दवाइयों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा सिगरेट में फ्लेवर देने के लिए भी उल्टी का उपयोग किया जाता है।
भारत में उल्टी को बेचने पर है रोक
वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 के तहत, भारत में व्हेल मछली की उल्टी को रखने और बेचने दोनों पर रोक है। इसी के साथ व्हेल से बनने वाले किसी भी प्रोडक्ट का व्यापार करने पर भी बैन है। लेकिन इंटरनेशनल मार्केट में हर समय इसकी काफी डिमांड रहती है।
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