Dipawali 2024: पूरे देश में दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है। दीपावली के दिन दिए जलाकर लोग खुशियां मनाते हैं लेकिन देश में एक गांव ऐसा भी है, जहां ना तो दिए जलाते हैं और ना ही इस त्योहार को मानते हैं। दरअसल इस त्योहार को मनाने से लोग डरते हैं। आखिर क्या है इसके पीछे की वजह और कहां है ये गांव, आइये जानते हैं।
हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के सम्मू गांव की आबादी 500 के करीब है। यहां के लोगों का मानना है कि उनका गांव श्रापित है। दिवाली का डर इस कदर है कि लोग इस दिन पकवान बनाने से भी डरते हैं। हालांकि अब नए उम्र के बच्चे कुच्प्ताखे फोड़ लेते हैं और कुछ घर के लोग दीपक जला लेते हैं लेकिन गांव के बड़े बुजुर्ग ऐसा करने रोकते रहते हैं।
क्यों नहीं मनाई जाती दिवाली?
गांव के लोगों का कहना हुई कि अगर गांव में कोई भी दिवाली मनाता है तो आपदा आ जाती है और आग भी लग जाती है। भास्कर.कॉम के अनुसार, गांव के प्रधान का कहना है कि कुछ लोग दिए जलाते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं लेकिन पकवान कोई नहीं बनाता। यहां तक कि खुद प्रधान भी इससे परहेज करते हैं।
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सालों से नहीं मनाई गई दिवाली
वहीं गांव के ही एक बुजुर्ग ने कहा कि कई पीढ़ी से दिवाली नहीं मनाई गई। गांव को श्राप से मुक्त करने के लिए कई बार हवन करने की कोशिश हुई लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। लोग बताते हैं कि एक महिला के पति की मौत हो गई थी और वह सती हो गई थी, इसके बाद से ही उसने श्राप दिया कि गांव के लोग दिवाली नहीं मना पायेंगे।
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दिवाली के दिन ही महिला के पति की मौत हुई थी और उसने पूरे गांव को श्राप दे दिया था। इसके बाद से दिवाली नहीं मनाई गई। गांव के एक परिवार ने त्योहार मनाने की कोशिश की थी लेकिन उसके घर में आग लग गई थी और परिवार गांव छोड़कर चला गया। इसके बाद से ही कोई अच्छे से दिवाली नहीं मना पाया।