Delhi News : कई बार कुछ अदालतों के फैसले की खूब चर्चा होती है। पुणे में नाबालिग द्वारा कार एक्सीडेंट किए जाने के बाद जुवेनाइल कोर्ट ने जिन शर्तों पर जमानत दी थी, उस पर कई तरह के सवाल उठे थे और शर्तों को जानकर लोगों ने हैरानी जताई थी। अब एक अदालत ने पड़ोसी महिला के साथ बदतमीजी ,बदसलूकी करने के मामले में जो सजा सुनाई है, उसकी खूब चर्चा हो रही है।
दिल्ली उच्च न्यायालय दो लोगों को पड़ोसी महिला के साथ बदसलूकी करने के आरोप में दो लोगों को अजीब निर्देश दिया है। जज ने दोनों को एक महीने के लिए गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब में सेवा करने का निर्देश दिया। सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में 25-25 हजार रुपये का भुगतान करने और अपने इलाके में 20-20 पौधे लगाकर उनकी देखभाल करने का निर्देश दिया।
अदालत ये फैसला तब सुनाया, जब दोनों पक्ष समझौता करने के लिए तैयार हो गए थे। केस में जज ने पाया कि दोनों आरोपियों ने पड़ोसी के साथ मारपीट की और उसकी पत्नी पर अमर्यादित और आपत्तिजनक टिप्पणी की, ऐसे में दोनों को समझौते के बाद भी यूं ही नहीं छोड़ा जाना चाहिए। जज ने कहा ने कहा कि इनकी हरकतों को हल्के में नहीं लिया जा सकता है।
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अदालत ने समझौते के बाद FIR रद्द करने का आदेश दिया, साथ ही दोनों आरोपियों को गुरुद्वारे में एक महीने तक सेवा करने के बाद वहां से सर्टिफिकेट लेकर अदालत में जमा करने का आदेश दिया। इसके साथ ही सशस्त्र बल युद्ध हताहत कल्याण कोष में 25-25 हजार दान करने और 20 – 20 पौधे लगाने का आदेश दिया है।
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जानकारी के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ साल 2014 पड़ोसी से मारपीट और अभद्रता करने का मामला दर्द किया गया था। दिल्ली उच्च न्यायालय जिसकी सुनवाई कर रहा था। हालांकि दोनों के बीच समझौता हो गया, इसके बाद भी कोर्ट ने दोनों को सबक सिखाने के लिए कुछ खास निर्देश दिए हैं।