---विज्ञापन---

ट्रेंडिंग

कनॉट प्‍लेस कब और किसने बनाया, ऑनर कौन? पढ़ें ‘दिल्ली के दिल’ के जुड़ी रोचक बातें

Connaught Place : दिल्ली का दिल कहे जाने वाले कनॉट प्‍लेस को बनाने में पांच साल लगे थे। इसे ब्रिटिश सरकार द्वारा बनवाया गया था। जानिये किसके पास है इसका मालिकाना हक।

Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: May 15, 2024 22:45
Connaught Place

Connaught Place :  दिल्ली का दिल कनॉट प्लेस को कहा जाता है। यह दिल्ली की पहचान है। यहां लगभग हर ब्रांड के सामान और दुकानें मौजूद हैं। विदेशी पर्यटकों के बीच कनॉट प्लेस काफी पॉपुलर है। हालांकि बहुत काम लोग जानते हैं कि इस कनॉट प्लेस का मालिक कोई इंसान नहीं है। इस जगह की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है।

कनॉट प्लेस का नाम कैसे पड़ा?

---विज्ञापन---

कनॉट प्‍लेस को 1929 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बसाया, बनवाया गया। इस जगह का नाम ब्रिटिश के एक शाही व्यक्ति ड्यूक ऑफ कनॉट के नाम पर रखा गया। कनॉट को ब्रिटिश वास्‍तुकार राबर्ट टोर रसेल ने डिजाइन किया था। इसे बनाने में करीब 5 साल का वक्त लगा था।

भारतीय ही नहीं विदेशियों को भी पसंद है कनॉट प्‍लेस

---विज्ञापन---

कनॉट प्‍लेस को गोलाकार बनाया गया है। इमारतों के डिजाइन इस इलाके की खूबसूरती को और बढ़ाते हैं। कनॉट प्‍लेस से 12 सड़कें अंदर और बाहर जाती हैं। बीच में एक पार्क भी है, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम होते रहते हैं।

यह भी पढ़ें :  ‘पैसा होता तो इंडिया जाती’, पाकिस्तान की वायरल लड़की ने ट्रोलर्स पर निकाली भड़ास

भारत सरकार है मालिक

कनॉट प्लेस का मालिकाना हक भारत सरकार के पास है। यहां की जमीन और दुकनों को लीज पर दिया गया है, जिसका किराया भी बहुत कम है। हालांकि अगर कोई दुकान किराए पर लेना चाहिए तो उसे लाखों रुपये चुकाने पड़ सकते हैं।

यह भी पढ़ें : लेडीज सीट पर चिपककर बैठे कपल तो बस कंडक्टर हो गया ‘फायर’, लगा दी क्लास

दरअसल इस एरिया की डिमांड अधिक है। यहां आने वाले पर्यटकों की वजह से हर कोई अपना आउटलेट यहां खोलना चाहता है। ऐसे में यहां की दुकानों को किराए पर ले चुके लोगों ने बड़ी-बड़ी कंपनियों को किराए पर दे दिया और उनसे लाखों रुपये लेते हैं।

First published on: May 15, 2024 10:45 PM

संबंधित खबरें