Bahraich News: उत्तर प्रदेश से एक बेहद चौंकाने वाली और दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां एक शख्स को करीब 30 किमी तक सरकारी वाहन से घसीटा गया। शख्स की दर्दनाक मौत हो गई है। पता चला कि गाड़ी में नायब तहसीलदार और ड्राइवर सवार था। घटना की जानकारी सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। डीएम,एसपी ने भी इस पर एक्शन लेने की बात कही है।
पूरा मामला उत्तर प्रदेश के बहराइच का है। यहां एक राजस्व अधिकारी (तहसीलदार) की कार के नीचे घसीटे जाने से 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है। घटना गुरुवार शाम को लखनऊ से लगभग 127 किलोमीटर दूर बहराइच में घटित हुई है। मृतक की पहचान पयागपुर का निवासी नरेंद्र कुमार हलधर के रूप में हुई है।
पता चला है कि गुरुवार की शाम को बाइक सवार नानपारा-बहराइच मार्ग पर अपनी बाइक से घर लौट रहा था, तभी यह दुर्घटना हुई। तहसीलदार की सरकारी गाड़ी के नीचे बाइक सवार फंस गया और करीब 35 किमी तक घिसटता हुआ नानपारा तहसील पहुंच गया। वहीं घटना की जानकारी मिलते ही पीड़ित की पत्नी का रो रोकर बुरा हाल है।
Up बहराइच में नायब तहसीलदार शैलेश अवस्थी की गाड़ी ने बाइक सवार नरेंद्र को कुचल दिया
हादसे में नरेंद्र की डेड बॉडी गाड़ी के नीचे फंस गई और वह उसको घसीटते हुए करीब 20 किलोमीटर तक ले गई---विज्ञापन---बॉडी के कई टुकड़े हो गए
नायब तहसीलदार शैलेश अवस्थी सस्पेंड, FIR दर्ज करने के आदेश भी दिये गये pic.twitter.com/quXMNRC4hv
— Ramnath Goswami (@RamnathGos49710) December 21, 2024
जिस सरकारी कार से दुर्घटना हुई, उसमें नायब तहसीलदार शैलेश कुमार अवस्थी मौजूद थे, जिला मजिस्ट्रेट मोनिका रानी ने नायब तहसीलदार को निलंबित करने की सिफारिश की है। डीएम का कहना है कि कार और बाइक में टक्कर लगने का मामला संज्ञान में आया है। नानपारा के नायब तहसीलदार किसी काम से तहसीलदार की कार से बहराइच आए थे और वापस नानपारा लौट रहे थे। पता चला है कि नानपारा तहसील तक आई उनकी कार में एक शव फंस गया था।” वहीं नायब तहसीलदार का कहना है कि उसे इसकी जानकारी ही नहीं थी।
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वहीं कार चालक मेराज अहमद को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया कि जब मृतक नरेंद्र हलधर और तहसीलदार के ड्राइवर मेराज अहमद की लोकेशन का पता लगाया गया तो पुष्टि हुई कि शव को 30 किलोमीटर तक घसीटकर नानपारा ले जाया गया।” एसपी ने इसे एक बड़ी लापरवाही बताया है। एसपी ने कहा कि यह असंभव सा है कि किसी की कार में 30 किमी तक कोई शव फंसा हो और उसे इसकी जानकारी ही ना हो। यह भी हो सकता है कि घटना के बाद डर के कारण कार को रोका ही ना गया हो।