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राजस्थान में मौजूद है दुनिया का पहला ॐ आकृति वाला मंदिर, जानें इसकी खासियत

Om Shaped Shivji Temple: भगवान शिव को समर्पित देश में कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं। हर एक मंदिर की अपनी मान्यता और महत्व है। आज हम आपको शिव जी को समर्पित एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे दुनिया का पहला ॐ आकृति वाला मंदिर कहा जाता है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Apr 27, 2024 09:56
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Om Shaped Shivji Temple

Om Shaped Shivji Temple: देश में हिंदू देवी-देवताओं को समर्पित कई अद्भुत और प्राचीन मंदिर स्थित हैं। कुछ मंदिर तो ऐसे भी हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। आज हम आपको भगवान शिव को समर्पित दुनिया के पहले ॐ आकृति वाले मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं।

हिंदू धर्म के लोगों के लिए ॐ का विशेष महत्व है। कुछ लोग तो रोजाना सुबह उठकर ॐ के महामंत्र का जाप भी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ॐ के जाप से सकारात्मकता का अहसास होता है। इसके अलावा ॐ को भगवान ब्रह्मा, भगवान शिव और विष्णु जी का प्रतीक भी माना जाता है।

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ओम के आकार का मंदिर कहां स्थित है?

राजस्थान के जोधपुर शहर के समीप पाली जिले में जाडन गांव में ॐ आकृति का भव्य मंदिर बनाया गया है। ये मंदिर बाहर से देखने में जितना सुंदर लगता है, उतना ही अंदर से देखने में अलौकिक लगता है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 1995 में इस मंदिर का शिलान्यास रखा गया था, लेकिन वर्ष 2024 में ये मंदिर पूरा बनकर तैयार हुआ है। इस मंदिर का निर्माण स्वामी महेश्वरानंद महाराज की देखरेख में हुआ है। महेश्वरानंद महाराज का कहना है कि, दुनिया में ॐ आकर का सबसे बड़ा मंदिर ये ही है। कहा जाता है कि मंदिर में दर्शन करने के लिए भारतीय लोगों से ज्यादा विदेशी भक्त ज्यादा आते हैं।

ॐ आकृति वाले मंदिर में क्या-क्या है खास?

इस मंदिर को बनाने के लिए ज्यादातर पत्थर राजस्थान के धौलपुर जिले की बंसी पहाड़ी से लाए गए हैं। यह मंदिर 250 एकड़ से भी ज्यादा जमीन में फैला हुआ है। मंदिर का शिखर लगभग 135 फीट ऊंचा है, जबकि मंदिर को दो हजार स्तंभ पर खड़ा किया गया है।

मंदिर में भगवान शिव की करीब 1008 प्रतिमाएं हैं, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग भी हैं। इसके अलावा मंदिर में गुरु माधवानंद जी की समाधि के लिए एक अलग से विशाल कक्ष बनाया गया है। मंदिर में 108 से ज्यादा कक्ष हैं। जहां बड़ी संख्या में एक साथ कई लोग रह सकते हैं। बता दें कि इस मंदिर को बनाने में 400 से भी ज्यादा मजदूरों का सहयोग है। उन्होंने दिन रात मेहनत करके इस मंदिर को बनाया है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Apr 27, 2024 09:56 AM

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