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Kedarnath Yatra 2025: ट्रैकिंग करते समय किन बातों का ध्यान रखें? इमरजेंसी नंबर भी करें नोट

Kedarnath Yatra 2025: 2 मई 2025 से केदारनाथ धाम के कपाट खुल चुके हैं। बाबा केदार अगले लगभग 6 महीनों तक भक्तों को दर्शन देंगे। जैसा कि सभी जानते हैं, केदारनाथ धाम पहाड़ों पर ऊंचाई में स्थित है। वहां जाने के लिए लोगों को ट्रैकिंग करनी पड़ती है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है। इस रिपोर्ट में जानिए ट्रैकिंग से जुड़ी जरूरी बातें।

Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: May 3, 2025 09:38

Kedarnath Yatra 2025: देवभूमि में स्थित बाबा केदारनाथ के कपाट भक्तों के लिए एकबार फिर खुल चुके हैं। बता दें कि हर साल लाखों श्रद्धालु यहां महादेव के दर्शन के लिए आते हैं। इस साल 2 मई से दर्शन शुरू हुए हैं और लगभग दिवाली तक भगवान के दर्शन किए जा सकेंगे। केदारनाथ पहुंचने के लिए ट्रैकिंग का मार्ग अधिकतर लोगों द्वारा अपनाया जाता है। हालांकि, हेलीकॉप्टर और खच्चर जैसी सुविधाएं भी हैं, लेकिन हर किसी के लिए यह अफोर्डेबल नहीं होता है। ऐसे में पैदल यात्रा ही सबसे सही विकल्प होता है। धाम तक पहुंचने के लिए ट्रैक करने वाला रूट मुश्किलों भरा हो सकता है। इसलिए, ट्रैकिंग से पहले ही हमें जरूरी सावधानियां बरत लेनी चाहिए।

दरअसल, केदारनाथ पहुंचने के लिए पहाड़ों भरा रास्ता तय करना पड़ता है। ट्रैकिंग करते समय मौसम बिगड़ सकता है, कई बार रास्ते में बरसात हो जाती है। जैसे-जैसे ऊपर चढ़ाई करते जाते हैं, वैसे-वैसे ऑक्सीजन लेवल भी कम होने लगता है। ऐसे में लोगों को कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। कुछ लोग जल्दी पहुंचने के लिए एकबार में लंबी दूरी तय कर लेते हैं और फिर थक जाते हैं, ऐसे में उनकी यात्रा और कठिन हो जाती है। अगर आप पहली बार केदारनाथ जा रहे हैं, तो ट्रैकिंग से पहले इन बातों का ख्याल जरूर रखें।

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केदारनाथ ट्रैकिंग के लिए जरूरी टिप्स

1. आरामदायक चढ़ाई

केदारनाथ ट्रैक लगभग 16-18 किमी लंबा है, जिसमें खड़ी चढ़ाई और ऊंचाई का फर्क होता है। यात्रा से कम से कम 1 महीने पहले से वॉकिंग, कार्डियो और योग जैसी गतिविधियां शुरू करने की सलाह दी जाती है। मगर यदि आपने ऐसी कोई प्रैक्टिस फॉलो नहीं की है, तो ट्रैकिंग के लिए सही जूते चुनें और ट्रैकिंग की शुरुआत धीमी रखें।

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2. जल्दी चलना भी गलती

अगर आप पहली बार ट्रैक कर रहे हैं, तो तेजी से कदमों को बढ़ाकर एक ही बार में लंबी दूरी तय न करें। ऐसा करने से आपका शरीर जल्दी थक जाएगा। आपको मौसम के अनुसार अपने शरीर को भी तैयार करना होता है। इसलिए, शुरुआत में तेजी से ट्रैकिंग न करें, पहले कुछ घंटे धीमी गति रखें और फिर अपनी स्पीड बढ़ाएं। जल्दी चढ़ाई करने से सांस फूलने की समस्या हो सकती है।

3. गर्म कपड़े पहनें

केदारनाथ की चढ़ाई करते समय हमें ऊपर की ओर बढ़ना होता है। ऊंचाई पर तापमान कम होने लगता है, जिससे ठंड लग सकती है। इसलिए, अपने शरीर को गर्म कपड़ों से कवर रखें। मगर ध्यान रखें ज्यादा हैवी जैकेट्स से चढ़ाई करते समय पसीना निकलने की समस्या हो सकती है और शरीर का भार ज्यादा महसूस होगा। इसलिए, हल्के लेकिन गर्म कपड़ें चुनें।

4. दिन में यात्रा करें

आपको इस बात पर ज्यादा ध्यान देना है कि शाम को चढ़ाई ना की जाए। सुबह जितना हो सके चढ़ाई करें और अंधेरे से पहले ही किसी सुरक्षित स्थान पर आश्रय ले लें। बता दें कि वहां अंधेरा जल्दी हो जाता है, इसलिए आपको दिन के 4 बजे के आस-पास ही रहने का ठिकाना ढूंढना है।

5. कपूर और ड्राईफ्रूट रखना न भूलें

चढ़ाई करते समय दिक्कत न हो, इसलिए आपको अपने साथ ड्राई फ्रूट्स रखने चाहिए। कपूर भी जरूर कैरी करें ताकि सांस फूलने के समय पर कपूर को इनहेल कर सकें। इससे शरीर का ऑक्सीजन लेवल इंक्रीज हो जाता है।

इसके अलावा, रेनकोट, दवाइयां और ग्रिपिंग वाले एक जोड़ी जूते एक्स्ट्रा रखें। कई बार बारिश होने से जूते गीले हो जाते हैं।

आपातकालीन नंबरों की सूची

यात्रा पर जाने से पहले आपको अपने फोन तथा किसी डायरी में आपातकालीन नंबरों को नोट डाउन कर लेना चाहिए ताकि इमरजेंसी में मदद मिल सके।

  • 01364-233387: पुलिस अधीक्षक कार्यालय, रुद्रप्रयाग
  • 108 नंबर पर एम्बुलेंस और 112 पर पुलिस
  • 1098: बच्चा हेल्पलाइन
  • 1090: महिला हेल्पलाइन
  • 1077: आपदा प्रबंधन सेवाएं
  • 0135-2710334, 1070: राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र

 

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Edited By

Namrata Mohanty

First published on: May 03, 2025 09:38 AM

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