आए दिन देश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले सामने आते रहते हैं. वहीं, इन दिनों तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी के साथ हुई 57 लाख रुपये की ऑनलाइन ठगी का मामला चर्चा में है. शनिवार को उन्होंने देश में बढ़ती साइबर फ्रॉड की घटनाओं पर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा, अगर देश में एक सांसद के साथ ऐसी घटना हो सकती है तो आम नागरिक की सुरक्षा बात हम कैसे कह सकते हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा सांसद के एक पुराने बैंक अकाउंट से साइबर अपराधियों ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके करीब 57 लाख रुपये निकाल लिए है.
क्या है पूरा मामला?
शिकायत के अनुसार, ठगों ने कल्याण बनर्जी के पैन और आधार कार्ड का इस्तेमाल किया, लेकिन उन पर एक अलग तस्वीर लगा दी. इन फर्जी दस्तावेजों से उन्होंने बनर्जी के खाते के केवाईसी विवरण को अपडेट कर दिया. इसके बाद 28 अक्टूबर 2025 को खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को भी बदल दिया गया, जिससे अपराधियों को खाते पर पूरा नियंत्रण मिल गया. एक बार जब यह जानकारी बदल दी गई, तो ठगों ने इंटरनेट बैंकिंग के जरिए कई अनधिकृत लेनदेन किए और कुल 56,39,767 रुपये निकाल लिए. यह पैसा कई लाभार्थी खातों में भेजा गया, गहने खरीदे गए और एटीएम से भी निकाला गया.
सालों से नहीं हो रहा था खाते का इस्तेमाल
यह खाता सालों से निष्क्रिय पड़ा था. यह खाता तब खोला गया था जब कल्याण बनर्जी 2001 से 2006 तक आसनसोल (दक्षिण) से तृणमूल कांग्रेस के विधायक थे. उस दौरान पश्चिम बंगाल के विधायक के तौर पर उनका वेतन इसी खाते में आता था. तब से यह खाता बंद पड़ा था, लेकिन अब धोखाधड़ी से इसे फिर से चालू कर दिया गया. कल्याण बनर्जी पहले लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस के चीफ व्हिप रह चुके हैं. उनको इस धोखाधड़ी का तब पता चला जब उन्हें मालूम हुआ कि उनके एसबीआई के कालीघाट शाखा स्थित निजी खाते से 55 लाख रुपये पहले इस निष्क्रिय खाते में ट्रांसफर किए गए थे और फिर ऑनलाइन ट्रांसफर के जरिए निकाल लिए गए.
इस गड़बड़ी का पता चलने पर कल्याण बनर्जी ने एसबीआई अधिकारियों को मामले की जानकारी दी. बैंक ने तुरंत साइबर अपराध शिकायत दर्ज कराई और आंतरिक जांच शुरू की ताकि यह पता लगाया जा सके कि बैंक के अंदर कोई प्रक्रियात्मक चूक तो नहीं हुई. बैंक ने जांचकर्ताओं को अपराधियों और पैसे के रास्ते का पता लगाने में मदद करने के लिए सभी सहायक दस्तावेज, केवाईसी रिकॉर्ड और लेनदेन विवरण प्रदान करने का आश्वासन दिया है.
पुलिस कर रही मामले की जांच
कोलकाता पुलिस साइबर अपराध डिवीजन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि पूरे मामले की गहन जांच की जा रही है. हम बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं की जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने के लिए अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं कि खाते तक कैसे पहुंचा गया. अपराधियों और धन के गंतव्य का पता लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं. उनके करीबी एक वरिष्ठ तृणमूल नेता ने कहा कि सांसद को आशा है कि पुलिस जल्द ही मामले को सुलझा लेगी और उन्हें खोई हुई राशि वापस पाने में मदद करेगी.








