Battle of Bengal 2026 BJP vs TMC : बंगाल चुनाव में यूं तो अभी काफी वक्त है, लेकिन चुनावी दमखम की आज़माइश अभी से चरम पर है, आरोप प्रत्यारोप, बयानबाजियों का शोर, संकेत है कि 26 का चुनाव कितने इंटेंस माहौल में होने वाला है। बैटल ऑफ बंगाल, पानीपत के युद्ध से कम नहीं होगा। बीते दिन बंगाल दौरे पर गये गृहमंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोला। कहा, 2026 का चुनाव ने केवल राज्य के भविष्य, बल्कि देश की सुरक्षा से भी जुड़ा है, क्योंकि ममता सरकार ने अपने वोटबैंक के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए सीमाएं खुली छोड़ दी है और इसे केवल भाजपा सरकार ही रोक सकती है।
इससे पहले प्रधानमंत्री के बंगाल दौरे पर ममता बनर्जी ने निशाना साधते हुए चैलेंज दिया था कि हिम्मत है तो भाजपा,आज चुनाव करा ले, जिसपर जवाब देते हुए आज अमित शाह ने, हिंसा औऱ हेरफेर के बगैर चुनाव करवाने की चुनौती दे डाली। देखिए ‘बैटल ऑफ बंगाल’ की उलटी गिनती, अबकी बार किसकी ‘विक्ट्री’?
पश्चिम बंगाल की जनता-जनार्दन को अब तुष्टिकरण के नाम पर गुंडागर्दी को खुली छूट देने वाली टीएमसी सरकार पर कोई भरोसा नहीं है। इसलिए आज पूरा बंगाल कह रहा है… pic.twitter.com/bMetX9TnKg
— Narendra Modi (@narendramodi) May 29, 2025
---विज्ञापन---
बंगाल चुनाव BJP के लिए अहम क्यों?
2014 और 2019 में भी भाजपा ने बंगाल में सत्ताधारी पार्टी को कड़ी टक्कर दी थी। 2019 में हुए पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 42 में से 18 सीटें जीतीं और 2021 के विधानसभा चुनाव में 77 सीटें। 2026 में भाजपा का टार्गेट बंगाल में सरकार बनाने का है।
बंगाल में भाजपा की नजर 70% हिंदू मतदाताओं के वोट पर है। प्रदेश के मुर्शिदाबाद हिंसा जैसे मुद्दों को उठाकर राष्ट्रीय मुद्दा बना रही है। बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर भी अमित शाह ने ममता पर निशाना साधा और कहा कि इसे भाजपा रोक सकती।
#WATCH | Kolkata, West Bengal | Addressing the BJP workers meeting, Union Home Minister Amit Shah says, “… If Didi (Mamata Banerjee) has courage, she should try to contest elections without violence, her deposit would be seized. Mamata Banerjee has crossed all limits of… pic.twitter.com/72rzgWfuVR
— ANI (@ANI) June 1, 2025
ममता की पार्टी के लिए चुनाव अहम क्यों?
ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस बंगाल की सत्ता में 2011 से विराजमान है। इसके पीछे दीदी की लोकप्रियता के साथ-साथ लोगों के लिए प्रदेश स्तर पर चलाई विकास योजनाएं भी शामिल हैं। पिछले साल हुए उपचुनाव में भी ममता की पार्टी ने 6 सीटें जीती थीं। अब फिर 2026 में जीत हासिल कर ममता इतिहास बरकरार रखना चाहती है।
बंगाल की 27 फीसदी मुस्लिम और पिछड़ी जाति समुदाय में ममता बनर्जी को अच्छा जनसमर्थन मिलता है। इसके अलावा ममता बनर्जी की ‘मां, माटी और मानुष’ की नीति और क्षेत्रीय पहचान बंगाली अस्मिता की प्रतीक हैं।
बंगाल के सियासी रण का पारा हाई
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में अभी करीब एक साल शेष है, लेकिन जिस तरह से प्रदेश में अचानक सियासी गरगर्मियां तेज हुई हैं, उससे ऐसा प्रतीत होता है, जैसे मतदान इसी महीने है। आचार संहिता लग चुकी है। पिछले 4 दिनों से चुनावी गतिधियां कुछ ऐसी ही हैं। पहले 29 मई को प्रधानमंत्री मोदी अलीपुरद्वार में रैली कर प्रदेश में बीजेपी के लिए माहौल बनाया और सत्ताधारी टीएमसी चीफ ममता बनर्जी को अपने निशाने पर लिया। ठीक उसी दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक-एक आरोपों पर पलटवार किया।
दो दिन के बंगाल दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने रविवार को सबसे पहले कोलकाता के पास न्यू टाउन में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला यानी CFSL के नए भवन का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने अपने संबोधन में चुनाव के लिए कार्यकताओं को अभी से तैयारियों में जुटने की अपील की। वहीं, मुख्यमंत्री ममता पर भी निशाना साधा।
#WATCH | Kolkata, West Bengal | Addressing the BJP workers meeting, Union Home Minister Amit Shah says, “…Is something wrong with the Waqf Act? Should the land of Bengal be sacrificed because of Waqf? Who is Mamata Banerjee favouring by opposing the Waqf Act?… Mamata Banerjee… pic.twitter.com/HK3DNcsDGO
— ANI (@ANI) June 1, 2025
पहले कभी भी BJP यहां की सत्ता पर काबिज नहीं
दरअसल, पश्चिम बंगाल देश के उन गिने-चुने राज्यों में शुमार है, जहां आज तक कभी भी बीजेपी सत्ता पर काबिज नहीं हो सकी है। पार्टी को प्रदेश में आज तक उस हिसाब से कभी कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है, जिससे सरकार बना सके। मौजूदा वक्त में ममता बनर्जी की नेतृत्व में टीएमसी की सरकार है, जो लगातार 14 सालों से सत्ता में हैं, जबकि, दशकों की मेहनत के बाद बीजेपी फिलहाल बंगाल की मुख्य विपक्षी पार्टी की जिम्मेदारी निभा रही है।
बंगाल में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
बंगाल में बीजेपी की ये जनसभाएं ऐसे वक्त में हो रही है, जब कुछ ही दिन पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था और इसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के अंदर बने आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूत कर उसका बदला लिया था। जाहिर है बीजेपी इसे भी भुनाने में लगी है। खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सिंदूर खेला की धरती यानी बंगाल में ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र कर एक अलग संदेश देने की कोशिश की।
#MamataBanerjee Director’s Take on #Modi and #OperationSindoor and Modi’s inability to motivate Armed forcespic.twitter.com/NMudzXjq4T
— 🦅🌎 DUNYADAAN (@Dunya_Daan) May 30, 2025
ऑपरेशन सिंदूर पर मुझे कोई टिप्पणी नहीं करनी, पर याद रहे कि हर महिला का स्वाभिमान होता है, वे अपने पति से सिंदूर लेती हैं, पर पीएम मोदी ऐसे ही कह रहे हैं, आप सबके पति हैं क्या? आप पहले अपनी पत्नी को सिंदूर क्यों नहीं देते? माफ कीजिएगा, मैं इस मामले में नहीं बोलना चाहती पर आप हमें मजबूर करते हैं, आप ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर ऑपरेशन बंगाल का जिक्र करके हमें मजबूर करते हैं कि हम अपना मुंह खोलें।
अब बंगाल की मातृशक्ति यानी महिलाएं अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में किसे सबक सिखाती हैं और किसे सत्ता पर बिठाती है, ये तो चुनाव बाद ही पता चलेगा। लेकिन, इस वक्त जो बंगाल में माहौल है, उससे इतना तो तय है कि अबकी बार टीएमसी और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई होने वाली है।