Assam Flood News: असम के कछार जिले के विभिन्न इलाकों की सड़कें अभी भी बाढ़ के पानी में डूबी हुई हैं। लोगों का जीवन बाढ़ के पानी से प्रभावित है। नदी का पानी भले ही कम हो गया हो, लेकिन बाढ़ का पानी पीछा नहीं छोड़ रहा है। खुद को बचाने का एकमात्र तरीका नाव और पास की कोई ऊंची जमीन है। हर जगह पानी है और जाने का कोई रास्ता नहीं है। कछार जिले का श्रीकोना इलाका ऊंची पहाड़ियों से घिरा हुआ है और बाढ़ का पानी उन पहाड़ियों को घेरे हुए है।
स्थानीय लोगों ने ली पहाड़ों पर शरण
इसीलिए स्थानीय लोग किसी तरह अपनी और गाय-भैंसों की जान बचाने के लिए उन पहाड़ियों में शरण लिए हुए हैं, लेकिन बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। क्योंकि उन्हें जहां भी नजर आता है, सिर्फ पानी ही नजर आता है। उस इलाके का मुख्य व्यवसाय मछली उत्पादन है और गांव का हर व्यक्ति मछली उत्पादन करके अपना जीवन यापन करता है।
बाढ़ के पानी से लाखों रुपए का नुकसान
इस बाढ़ में अचानक पानी आने से उन्हें लाखों रुपए का नुकसान हुआ है। अब उन्हें खाने के लिए लकड़ी के कई घर जलाने पड़ रहे हैं। उन्हें चिंता है कि भविष्य में वे सारा कर्ज कैसे चुकाएंगे। चिकनुना इलाके के छोटे बच्चे और महिलाएं इस बात का इंतजार कर रही हैं कि प्रशासन या कोई पार्टी से कोई आएगा और उन्हें कुछ देने की व्यवस्था करेगा।
कोई सरकारी मदद नहीं मिली
कुछ समाजसेवी संगठन इन इलाकों में गए हैं और उन्हें एक-एक पैकेट बिस्किट थमाए गए। उस एक पैकेट बिस्किट से इलाके के बच्चों को ऐसा लग रहा है जैसे पता नहीं क्या मिल गया हो। फिलहाल, अभी तक कोई सरकारी मदद नहीं आई है। कोई मेडिकल सेवा नहीं आई है। उन्हें अभी भी इस बात का इंतजार है कि सरकार उनकी मदद करे।
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