चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों पर एन.डी.पी.एस एक्ट के मामलों में भगौड़े अपराधियों को गिरफ़्तार करने के लिए विशेष मुहिम शुरू की गई। इसके 7वें हफ़्ते में दाखिल होने से इस मुहिम के अंतर्गत पंजाब पुलिस द्वारा पिछले हफ़्ते के दौरान ऐसे 45 भगौड़ों को गिरफ़्तार किया गया है, जिससे उनकी साप्ताहिक गिरफ़्तारियों में काफ़ी वृद्धि हुई है। गौरतलब है कि 5 जुलाई, 2022 से अब तक एन.डी.पी.एस एक्ट के मामलों में कुल 186 भगौड़ों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 46 अपराधी राज्य से बाहर काबू किए गए हैं।
इस सम्बन्धी अधिक विवरण देते हुए इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (आईजीपी) हैडक्वाटर सुखचैन सिंह गिल ने बताया कि पुलिस टीमों ने एनडीपीएस एक्ट के अंतर्गत उन भगौड़ों को भी गिरफ़्तार करने में सफलता हासिल की है, जो 1980 और 1990 के दशक से गिरफ्तारी से बच रहे थे।
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि गुरदीप सिंह उर्फ काकू निवासी कोटला होशियारपुर, जिसको नवंबर 1985 में भगौड़ा घोषित किया गया था, को लुधियाना कमिश्नरेट पुलिस ने, 1988 से भगौड़े अमरजीत सिंह को फ़तेहगढ़ साहिब पुलिस ने और 1989 में भगौड़ा ऐलाने गए महेन्दर सिंह निवासी डबलखेड़ी, हरियाणा को संगरूर पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किया गया है। इसी तरह 1990 के दशक से फऱार कम से कम तीन भगौड़ों को गिरफ़्तार किया गया है।
नशे संबंधी साप्ताहिक अपडेट देते हुए आईजीपी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने राज्य भर में पिछले हफ़्ते के दौरान नारकोटिक ड्रग्ज़ एंड साईकोट्रोपिक सबस्टांसिज़ (एनडीपीएस) एक्ट के अंतर्गत 251 एफआईआरज़, जिनमें 22 वाणिज्यिक मामले भी शामिल हैं, दर्ज करके 335 नशा तस्करों सप्लायरों को गिरफ़्तार किया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब पुलिस ने राज्य भर में संवेदनशील रास्तों पर नाके लगाने के साथ-साथ नशा प्रभावित क्षेत्रों में घेराबन्दी करके 9.76 किलो हेरोइन, 8.68 किलो अफ़ीम, 11.56 किलो गाँजा, 9 क्विंटल भुक्की, 49 हज़ार गोलियाँ/कैप्सूल/टीके/फार्मा ओपीऑयड्ज़ की शीशियाँ बरामद करने के अलावा 40.50 लाख रुपए की ड्रग मनी भी बरामद की है।
आईजीपी सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि पंजाब पुलिस नशा तस्करों/सप्लायरों पर शिकंजा कसने के साथ-साथ नौजवानों को नशे से दूर रखने के लिए हर संभव यत्न कर रही है और पहले ही नशे के शिकार हो चुके नौजवानों के पुनर्वास के लिए भी हर संभव यत्न कर रही है। उन्होंने कहा कि सभी सी.पीज./एस.एस.पीज द्वारा अपने-अपने जिलों में नशे के विरुद्ध सार्वजनिक मीटिंगें, नशा प्रभावित गाँवों का दौरा, सैमीनार, विधायकों, सरपंचों और काउंसलरों के साथ साझी मीटिंगें करने के अलावा ग़ैर-सरकारी संस्थाओं और यूथ क्लबों को शामिल करने समेत अलग-अलग गतिविधियाँ की जा रही हैं, जिससे नौजवानों को नशे के बुरे प्रभावों के बारे में जागरूक किया जा सके।
जिक्रयोग्य है कि डीजीपी द्वारा सभी सीपीज़/एसएसपीज़ को सभी नामी नशा तस्करों को काबू करने और अपने अधिकार क्षेत्रों में नशा तस्करी वाले संवेदनशील स्थानों की पहचान करके नशा तस्करों पर नकेल कसने और नशा बेचने/तस्करी करने वाले सभी व्यक्तियों को काबू करने के लिए तलाशी मुहिम शुरू करने के सख़्त हुक्म दिए गए हैं। उन्होंने पुलिस प्रमुखों को यह भी हिदायत की कि पकड़े गए सभी नशा तस्करों की संपत्ति ज़ब्त की जाए, जिससे उनसे नाजायज राशि बरामद की जा सके।