Saturday, 20 April, 2024

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प्रतापगढ़ कोर्ट का फैसला, 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म मामले में महज 10 दिन में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले की पोक्सो कोर्ट (Pocso Court) ने एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। यहां छह साल की बच्ची के दुष्कर्म (Rape) के एक मामले में कोर्ट ने महज 10 दिनों में सुनवाई पूरी की। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ […]

Edited By : Naresh Chaudhary | Updated: Sep 26, 2022 11:16
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Rajasthan High Court order
(प्रतीकात्मक तस्वीर)

UP News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के प्रतापगढ़ (Pratapgarh) जिले की पोक्सो कोर्ट (Pocso Court) ने एक एतिहासिक फैसला सुनाया है। यहां छह साल की बच्ची के दुष्कर्म (Rape) के एक मामले में कोर्ट ने महज 10 दिनों में सुनवाई पूरी की। इसके बाद कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि आरोपी मृत्यु तक जेल में ही रहेगा। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) पंकज कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी भूपेंद्र को उम्रकैद के साथ 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

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13 अगस्त को बच्ची के साथ हुई थी वारदात

इस मामले की जांच का नेतृत्व कर रहे प्रतापगढ़ के पुलिस अधीक्षक सतपाल ने बताया कि 13 अगस्त को कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया था। उन्होंने कहा कि हमने तुरंत टीमों का गठन किया। दबिश और कार्रवाई करते हुए भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। घटना वाले दिन तत्काल फोरेंसिक टीम को मौके पर बुलाया गया। यह सुनिश्चित किया गया था कि सभी महत्वपूर्ण साक्ष्य संरक्षित रखे जाएं और निर्धारित समय सीमा में प्रयोगशाला में जांच के लिए की भेजे जाएं। वहीं फोरेंसिक जांच में बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई।

3 सितंबर को कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट

इसके बाद में पुलिस ने 3 सितंबर को आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया। 12 सितंबर को कोर्ट ने मामले की सुनवाई को शुरू की थी। एसपी ने बताया कि पुलिस की ओर से सभी आठों गवाहों के साथ 17 सितंबर को भूपेंद्र को कोर्ट में पेश किया गया। इसके बाद कोर्ट ने 21 सितंबर को भूपेंद्र के खिलाफ आरोप तय किए और गुरुवार को फैसला सुनाया गया।

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मृत्यु तक जेल में रहेगा दुष्कर्म का दोषी

लोक अभियोजक देवेश चंद्र त्रिपाठी ने बताया कि 17 सितंबर को जब आरोपी अपने बयान दर्ज कराने के लिए पेश हुआ तो उसने नाबालिग होने का दावा किया और कोर्ट के समक्ष शैक्षणिक प्रमाण पत्र पेश किया। लेकिन जांच में यह दस्तावेज जाली पाए गए। कोर्ट ने आरोपी के अपराध को गंभीर प्रवृत्ति का बताते हुए कठोर सजा सुनाई। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि दोषी को आजीवन कारावास में रखा जाए। साथ ही कहा कि दोषी मृत्यु तक जेल में ही रहेगा।

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First published on: Sep 23, 2022 04:21 PM
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