Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमनाथ द्वार के सामने करीब 150 साल पुराने कटाई वाले पुल इसी साल दिसंबर में गिरा दिया जाएगा। माल एवेन्यू और सदर ओवरब्रिज के आने से पहले यह पुल वर्ष 1872 से सदर, अर्जुनगंज, दक्षिण शहर के हजरतगंज और चौक इलाके को आपस में जोड़ने का काम करता है।
सरकार ने तैयार किया दूसरा पुल
सरकार की ओर से इस पुल के समानांतर दूसरा 4 लेन पुलिस तैयार किया जा रहा है। नए पुल का निर्माण इसी साल फरवरी में चालू हुआ था। हालांकि उम्मीद है कि पुराने पुल को ध्वस्त करने से पहले नए पुल को चालू कर दिया जाएगा।उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के डीआरएम सुरेश कुमार सपरा ने बताया कि कटाई वाले पुल के पास एक नया दो लेन पुल का निर्माण इस साल 14.50 करोड़ की लागत से 15 फरवरी से शुरू हुआ था।
अंग्रेजों ने वर्ष 1872 में बनाया था
रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जिस पुल को ध्वस्त किया जाना है, उसका निर्माण वर्ष 1872 में अंग्रेजों द्वारा लखनऊ से बाराबंकी के लिए ट्रेन सेवा शुरू करने के लिए किया गया था। रेलवे में इसकी संख्या 786 है, जिसे मुसलमानों द्वारा शुभ माना जाता है। उन्होंने बताया कि पुराने पुल ने अपना जीवन जी लिया है, यानी वह अपनी मियाद पूरी कर चुका है।
लखनऊ के दो हिस्सा को जोड़ता है यह पुल
अब इसे बदलने की जरूरत है। इस पुल की महत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह सुल्तानपुर रोड, रायबरेली रोड और कैंट के लोगों को मुख्य शहर से जोड़ने वाला इकलौता पुल था, क्योंकि उस समय न तो सदर बाजार और न ही माल एवेन्यू ओवरब्रिज का निर्माण किया गया था।