लखनऊः इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) की लखनऊ पीठ (Allahabad High Court Lucknow Bench) ने मंगलवार को निचली अदालत की ओर से पत्नी, 3 बच्चों और दो पड़ोसियों की बेरहमी से हत्या करने के आरोप में दोषी पाए गए आरोपी को दी गई मौत की सजा को बरकरार रखा। न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति सरोज यादव की पीठ ने कहा कि लखनऊ का रहने वाला आरोपी सरवन, जिसने बेरहम और क्रूर तरीके से हत्याएं कीं हैं, समाज के लिए एक खतरा है। न्यायाधीशों ने कहा कि यह एक जघन्य अपराध का मामला है। दोषी (अपीलकर्ता) सरवन को दी गई मौत की सजा देने को उचित ठहराया।
हत्याकांड के तरीके ने समाज को झकझोर दिया था
साथ ही कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति के आचरण, रवैया और जिस तरीके से उसने परिवार के चार लोगों और दो पड़ोसियों की हत्या की गई थी, उसे देखकर लगता है कि वह (सरवन) समाज के लिए एक खतरा है। अगर उसे मौत की सजा नहीं दी जाती है, तो समाज सुरक्षित नहीं रह सकता है। पीठ ने इस घटना को बेहद विभत्स बताया। कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने गुस्से या किसी अन्य जरूरत के लिए छह लोगों की जान ले ली। इन छह हत्याओं के क्रूर तरीके ने समाज को झकझोर दिया था।
हाईकोर्ट ने कहा, सजा में कोई ढिलाई नहीं दी गई है
आपको बता दें कि कोर्ट ने मामले की सुनवाई को भी देखा। उन्होंने कहा कि मामले में सुधार का कोई मौका नहीं है और सजा को लागू करने में कोई ढील नहीं दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि इन परिस्थितियों में हमारा विचार है कि दोषी/अपीलकर्ता सरवन को धारा 302, 323 और 201 आईपीसी के तहत अपराध के लिए दी गई मौत की सजा की पुष्टि की जानी चाहिए।
भाभी से थे अवैध संबंध, कर दी पत्नी, 3 बच्चों और दो पड़ोसियों की हत्या
आपको बता दें कि लखनऊ के मोहनलालगंज निवासी सरवन ने 25 अप्रैल 2009 को अपनी भाभी सुमन के साथ अवैध संबंधों को लेकर विवाद के बाद अपनी पत्नी संतोषी और तीन बच्चों की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। जब संतोषी और बच्चों को बचाने की कोशिश की गई तो सरवन ने अपने दो पड़ोसियों की भी हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया था। लखनऊ की निचली अदालत ने 29 अगस्त 2017 को सरवन को मौत की सजा सुनाई थी। निचली अदालत ने सुमन को भी चार साल कैद की सजा सुनाई थी, जो फिलहाल जमानत पर है। वहीं हाईकोर्ट ने सुमन को दी गई सजा की भी पुष्टि की और उसे गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।