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यूपी के 5 बड़े नेता, जिन्होंने CM योगी के खिलाफ खोला मोर्चा, नेतृत्व को सीधे ठहराया जिम्मेदार

UP BJP News: ओमप्रकाश राजभर, संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल के बाद केशव मौर्या का सीएम योगी के खिलाफ मोर्चा खोलना केंद्रीय नेतृत्व को असहज करने वाला साबित हुआ।

Edited By : News24 हिंदी | Updated: Jul 18, 2024 13:40
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यूपी में बीजेपी के सहयोगियों ने योगी-मोदी पर सीधे सवाल उठाए हैं। फाइल फोटो
यूपी में बीजेपी के सहयोगियों ने योगी-मोदी पर सीधे सवाल उठाए हैं। फाइल फोटो

Yogi Adityanath Vs Keshav Maurya: यूपी बीजेपी में हड़कंप मचा है। नेता एक दूसरे के खिलाफ हमलावर है। उधर अखिलेश यादव मॉनसून ऑफर दे रहे हैं कि ‘सौ लाओ, सरकार बनाओ’। जाहिर है कि सत्ता पक्ष में मचे घमासान पर विपक्ष चुटकी लेने से बाज नहीं आ रहा है। लोकसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी हलकान है। प्रदेश अध्यक्ष प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर हार की जिम्मेदारी ले चुके हैं, लेकिन यूपी के नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। केशव प्रसाद मौर्या कोई अकेले नहीं हैं। उनके पहले भी बीजेपी और उनकी सहयोगी पार्टी के नेताओं ने अप्रत्यक्ष तौर पर योगी के खिलाफ जुबानी तीर छोड़े हैं। आइए देखते हैं कौन-कौन हैं वो नेता, जिन्होंने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद जुबान पाई है।

केशव प्रसाद मौर्या

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सबसे मुखर तौर पर केशव प्रसाद मौर्या ने ही आवाज उठाई है। केशव ने बीजेपी कार्यसमिति की मीटिंग में साफ तौर पर कह दिया कि ‘7 कालिदास मार्ग (लखनऊ में केशव मौर्या का आवास) कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा खुला रहता है। कार्यकर्ता का दर्द मेरा दर्द है। संगठन, सरकार से बड़ा है। केशव मौर्या के इसी बयान के बाद केंद्रीय नेतृत्व को हस्तक्षेप करना पड़ा। केशव मौर्या, भूपेंद्र चौधरी के साथ दिल्ली तलब किए गए और फिर अंदरूनी खींचतान को ढंकने की कोशिश हुई। केशव मौर्या के हिस्से में अभी तक सिर्फ केंद्रीय नेतृत्व का यही आश्वासन है कि सूबे में उपचुनाव के बाद योगी मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव होगा। देखना होगा केशव मौर्या को क्या मिलता है।

ओम प्रकाश राजभर

लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद अगर किसी ने योगी और मोदी को सीधे तौर पर हार का जिम्मेदार ठहराया तो वह एनडीए के सहयोगी ओमप्रकाश राजभर थे। परिणाम आने के बाद ओमप्रकाश राजभर ने सीधे तौर पर कहा था कि जनता ने योगी और मोदी को नकार दिया। बता दें कि ओमप्रकाश राजभर के बेटे घोसी लोकसभा सीट से प्रत्याशी थे, लेकिन हार मिली।

अनुप्रिया पटेल

एनडीए की एक और सहयोगी अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा और सरकारी नौकरियों में पिछड़ों के आरक्षण को सही तरीके से लागू करने की बात कही थी।

संजय निषाद

यूपी में एनडीए के एक और सहयोगी संजय निषाद ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए केंद्रीय नेतृत्व पर उंगली उठाई थी। निषाद ने कहा था कि संविधान को लेकर नेताओं की गलत बयानबाजी और ओवरकॉन्फिडेंस ने हार का मुंह दिखाया। 400 पार के नारे पर बहुत ज्यादा भरोसे के चलते भी हार मिली।

आशीष पटेल

अनुप्रिया पटेल के पति और यूपी सरकार में मंत्री आशीष पटेल ने लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद कहा था कि यूपी में एनडीए की हार के लिए पिछड़े समुदाय की समस्याओं का हल न होना एक बड़ा कारण है। उन्होंने कहा था कि मामला चाहे 69 हजार शिक्षक भर्ती का हो या फिर दूसरे मुद्दे… इन्हें समय रहते हल किया जाना चाहिए था। जाहिर है कि आशीष पटेल के निशाने पर अप्रत्यक्ष तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही थे।

सुनील भराला

ऐसा नहीं है कि भाजपा में सिर्फ योगी-मोदी पर ही निशाना साधा जा रहा है। सुनील भराला भाजपा के सीनियर नेता हैं और पूर्व में यूपी के मंत्री रहे हैं। सुनील भराला ने केशव मौर्या की बातों को दोहराते हुए कहा कि संगठन की जिम्मेदारी भी बड़ी होती है। इसलिए हार की जिम्मेदारी संगठन को भी लेनी चाहिए। इसलिए माननीय प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को बिना देर किए हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए त्याग पत्र दे देना चाहिए।

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News24 हिंदी

First published on: Jul 18, 2024 01:33 PM

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