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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

यीडा सिटी के 21 हजार आवंटियों को बड़ी राहत, हाईकोर्ट ने प्राधिकरण की 150 अपीलें की खारिज

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-18 और 20 के करीब 21 हजार भूखंड आवंटियों के लिए राहत भरी खबर आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की ओर से दायर करीब 150 अपीलों को खारिज कर दिया है.

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : praveen vikram Updated: Oct 28, 2025 13:39

Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-18 और 20 के करीब 21 हजार भूखंड आवंटियों के लिए राहत भरी खबर आई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की ओर से दायर करीब 150 अपीलों को खारिज कर दिया है. अब यीडा को खरीदारों को ब्याज सहित भुगतान करना होगा. कोर्ट ने रेरा अपीलीय ट्रिब्यूनल के उस आदेश को सही ठहराया है, जिसमें प्राधिकरण को एमसीएलआर दर पर एक प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ रकम लौटाने का निर्देश दिया गया था.

2014 तक कब्जा देने का था वादा

यीडा ने वर्ष 2009 में तीन आवासीय भूखंड योजनाएं शुरू की थी, जिनमें करीब 21 हजार प्लॉट शामिल थे. खरीदारों से वादा किया गया था कि उन्हें चार वर्ष (2014) तक भूखंडों का कब्जा दे दिया जाएगा. लेकिन, भूमि अधिग्रहण में देरी और किसानों के विरोध के चलते आवंटियों को न तो कब्जा मिला, न ही बुनियादी सुविधाएं. इस पर खरीदारों ने यीडा के खिलाफ यूपी रेरा में शिकायत दर्ज कर दी.

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रेरा और अपीलीय ट्रिब्यूनल से भी खरीदारों को मिली राहत

रेरा ने सुनवाई के बाद प्राधिकरण को चार प्रतिशत सालाना ब्याज देने का आदेश दिया था. यीडा ने इस फैसले को रेरा अपीलीय ट्रिब्यूनल में चुनौती दी, लेकिन वहां भी उसे राहत नहीं मिली. सितंबर 2023 में ट्रिब्यूनल ने रेरा के आदेश में संशोधन करते हुए कहा कि खरीदारों को एमसीएलआर दर के साथ एक प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज प्रति वर्ष दिया जाए. ब्याज की गणना उस समय से होगी जब भुगतान का 75 प्रतिशत पूरा हो जाए या चार वर्ष बीत जाएं (जो भी बाद में हो) और यह तब तक जारी रहेगा जब तक खरीदार को कब्जा या ऑक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) नहीं मिल जाता.

राशि वापस नहीं हो सकती

यीडा ने इस आदेश के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की थी. प्राधिकरण ने दलील दी कि भूमि अधिग्रहण में देरी किसानों के विरोध और कानूनी विवादों की वजह से हुई, जो उनके नियंत्रण से बाहर थी. लेकिन जस्टिस पंकज भाटिया की एकल पीठ ने 15 अक्टूबर को फैसला सुनाते हुए कहा कि खरीदारों को ब्याज का भुगतान किया जाना ही चाहिए, क्योंकि यह रकम खरीदारों की देय राशि का हिस्सा है. कोर्ट ने यीडा की प्री-डिपॉजिट रकम वापस करने की मांग भी खारिज कर दी.

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16 साल बाद भी नहीं मिली बुनियादी सुविधाएं

सेक्टर-18 और 20 के प्लॉट खरीदारों की नाराजगी अब भी बरकरार है. लगभग 16 वर्ष बाद भी यहां बिजली, पानी और सीवर जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है. भूखंडों पर झाड़ियां और फसलें उग आई हैं वहीं कई जगहों पर सड़कें अधूरी हैं. आवंटी प्राधिकरण से विकास कार्यों को पूरा करने और सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब ब्याज का भुगतान करने का आदेश आ चुका है, तो अब प्राधिकरण को बुनियादी ढांचा भी तुरंत उपलब्ध कराना चाहिए.

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First published on: Oct 28, 2025 01:39 PM

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