---विज्ञापन---

उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

क्या है अकोला का पनवारी कांड? जिसके दोषियों को 34 साल बाद कोर्ट ने सुनाई 5 साल की सजा

Akola Panwari case: आगरा के एससी/एसटी कोर्ट में पिछले 34 साल से चल रहे पनवारी कांड मामले में कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले के 36 आरोपियों को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है।

Author Edited By : Pooja Mishra Updated: May 30, 2025 12:00
What is Akola Panwari case

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के अकोला पनवारी कांड के मामले में 34 साल बाद कोर्ट ने 36 आरोपियों को दोषी मानते हुए 5 साल की सजा सुनाई है। इसके साथ ही आरोपियों पर 26 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।  पनवारी कांड 21 जून 1990 में हुआ था। सभी आरोपी अकोला के रहने वाले थे। आरोपियों के परिजनों ने कहा कि वे हाई कोर्ट में इस केस को लेकर अपील करेंगे। इस केस के 16 अभियुक्तों को सबूतों के अभाव में बरी किया जा चुका है। वहीं, 27 अभियुक्तों की मौत हो चुकी है। पिछले 34 साल से इस मामले की सुनवाई एससी/एसटी कोर्ट में चल रही थी।

क्या है अकोला का पनवारी कांड?

आगरा का पनवारी कांड 21 जून 1990 में हुआ था। यहां सिकंदरा के गांव पनवारी में अनुसूचित जाति की बरात चढ़ाने को लेकर जाट और जाटव समाज के लोगों के बीच विवाद हुआ। यह विवाद बहुत देर तक चला, जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में 22 जून को बरात चढ़ाई गई। पुलिस के सामने बरात चढ़ाने को लेकर विवाद बढ़ गया, जिसने हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान फायरिंग में सोनी राम जाट को गोली लग गई, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद पनवारी के आसपास के कई गांवों तक इस विवाद को लेकर हिंसा भड़क गई। यह विवाद इतना बढ़ गया कि 24 जून को अकोला में जाट समाज और अनुसूचित जाति के लोग आमने-सामने आ गए। इस कांड की वजह से रे आगरा में तनाव फैल गया हालात इतने बिगड़े कि कर्फ्यू लगाना पड़ा गया।

6000 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज

इस मामले में थाना कागारौल में 22 जून 1990 को तत्कालीन एसओ ओमवीर सिंह राणा ने 6000 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, मारपीट, आगजनी और SC/ST एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में FIR दर्ज कराई थी। घटना ने राजनीतिक रंग भी लिया। तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने आगरा आकर पीड़ितों से मुलाकात की थी, जबकि स्थानीय सांसद और रेल राज्यमंत्री अजय सिंह ने भी दोनों पक्षों को शांत कराने की कोशिश की थी।

यह भी पढ़ें: बिहार के 39 जिलों में बरसेंगे बादल, इन जगहों में भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट

34 साल बाद कोर्ट का फैसला 

मामले की सुनवाई आगरा की SC/ST कोर्ट में 34 साल तक चली। मुकदमे में कुल 80 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी, जिनमें से 27 की मौत हो चुकी है। 31 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज हुए। कोर्ट ने IPC की धारा 147, 148, 149, 323, 325, 452, 436, 427, 504, 395 और SC/ST एक्ट की धाराओं के तहत 36 आरोपियों को दोषी पाया। कोर्ट ने 30 मई 2025 को 36 दोषियों को 5-5 साल की सजा सुनाई। इस दौरान कोर्ट में 3 आरोपी गैरहाजिर रहे, जिनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है। 32 दोषियों को फैसले के बाद सीधे जेल भेज दिया गया।

First published on: May 30, 2025 11:03 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें