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उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड

उत्तरकाशी में बादल फटने से 4 की मौत, 50 से ज्यादा लापता, CM-PM ने जताया आपदा पर शोक

Uttarkashi Cloudburst: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में बादल फटने से भीषण प्राकृतिक आपदा आई है, जो अपने साथ पूरा गांव बहा ले गई है। पूरा गांव मलबे, पत्थरों और पानी से भर गया है। घर और दुकानें तबाह हो चुकी हैं।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Khushbu Goyal Updated: Aug 5, 2025 16:00
Uttarkashi Cloudburst | Uttarakhand CM | Pushkar Dhami
उत्तरकाशी में बादल फटने से आई आपदा में पूरा गांव तबाह हो गया है।

Uttarkashi Cloudburst Update: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आज 5 अगस्त 2025 को बादल फटने की घटना हुई, जिससे आए मलबे, पत्थर और पानी ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण खीर गंगा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया है। गंगोत्री धाम से पहले हर्षिल के पास पहाड़ी पर बादल फटा है, जिसकी तलहटी में बसा धराली गांव मलबे और पानी में बह गया है। प्राकृतिक आपदा से कई घर और दुकानें नष्ट हो गई हैं।

4 लोगों की मौत होने की पुष्टि हो चुकी है। 12 लोगों के मलबे में दबे होने और 50 से 60 लोगों के लापता होने की आशंका है। वहीं उत्तराखंड के उत्तरकाशी में अचानक आई प्राकृतिक आपदा पर प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तराखंड के CM पुष्कर धामी ने शोक जताया है। मुख्यमंत्री धामी हालातों पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने आपदा की जानकारी गृह मंत्री अमित शाह को दी है। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।

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कैसे चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन?

बता दें कि आपदास्थल पर NDRF की 4 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं। SDRF, पुलिस और सेना की टीमों के साथ लोग भी बचाव कार्य में जुटे हैं। उत्तरकाशी के जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य ने प्राकृतिक आपदा की पुष्टि की है। वे खुद हालातों पर नजर बनाए हुए हैं और सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट कर रहे हैं। मुख्यमंत्री गृह मंत्री अमित शाह को आपदा की रिपोर्ट दे रहे हैं और प्रधानमंत्री मोदी पर हालातों पर निगरानी रख रहे हैं।

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क्योंकि हर्षिल में आर्मी का कैंप है और हर्षिल के पास ही धराली गांव के ऊपर बादल फटा है, इसलिए सेना की टीमें 10 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गई थीं। सेना के 150 जवान रेस्क्यू में लगे हुए हैं। चार धाम की यात्रा के समय लोग यहां पर रुकते हैं, इसलिए उन्हें भी इस गांव तक आने से रोक दिया गया है, क्योंकि आपदा के कारण गंगोत्री धाम का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई जगहों पर बाधित है।

भारी बारिश होने की थी चेतावनी

बता दें कि उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं मानसून सीजन में आम बात हैं। जलवायु परिवर्तन और जलचक्र में बदलाव के कारण ऐसी घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश होने की चेतावनी पहले ही जारी कर रखी थी। स्थानीय प्रशासन ने भी लोगों को नदियों और नालों से दूरी बनाए रखने को कहा हुआ है। वर्तमान घटना भी उत्तराखंड में अकसर होने वाली प्राकृतिक आपदाओं का हिस्सा है। साल 2021 में मांडो गांव और साल 2022 में देहरादून, टिहरी और पौड़ी में बादल फटने की घटनाएं हुई थीं।

First published on: Aug 05, 2025 03:45 PM

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